उमरिया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चंदिया का भवन और ज्यादातर स्टाफ तो पुराना ही है, लेकिन मरीजों को मिलने वाली सुविधा, सलाह, इलाज और देखभाल की व्यवस्था में अमूलचूल बदलाव महसूस किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि डॉ छवि सिंह ने अस्पताल की छवि बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कोरोना महामारी से जूझ रही ज्यादातर जनता सरकारी अस्पतालों पर निर्भर है। एक तरफ कोरोना से संक्रमित मरीजों का दबाव है तो दूसरी तरफ अन्य रोगियों की देखभाल और इलाज की जिम्मेदारी। ऐसे में सीमित डॉक्टरों और सीमित संसाधनों वाले कस्बाई अस्पतालों की चरमराती व्यवस्था संवेदनशील चिकित्सकों के भरोसे ही टिकी है, जो कम संसाधनों में भी बेहतर करने की भावना से काम कर रहे हैं। चंदिया में पदस्थ मेडिकल ऑफीसर डॉ छवि सिंह के भूमिका की लोग इसीलिए तारीफ कर रहे हैं कि वे उपलब्ध सुविधाओं के बीच अपना सर्वोत्तम देने की कोशिश करती हैं। यही वजह है कि वे रोगियों का विश्वास जीतने में कामयाब रही हैं।
अस्पताल आने वाले रोगियों की जांच, सलाह, इलाज और देखभाल का समुचित प्रबंध होने से बीमारों और उनके तीमारदारों की संतुष्टि लेवल बढ़ा है। कोविड सेंटर में भर्ती कोरोना पोसिटिव मरीजों की नियमित देखभाल और उपचार से ज्यादातर रोगी निर्धारित समयावधि में ही बिना किसी शिकायत के ठीक होकर खुशी खुशी अपने घर जा रहे हैं। अच्छी बात यह है कि डॉ छवि सिंह ने अस्पताल से सिविल सोसायटी ऑर्गनाइजेशन्स, जनप्रतिनिधियों व व्यापारियों को जोड़ा और उन्हें व्यवस्था सुधारने में सहभागी बनाया है। जिसका परिणाम यह हुआ है कि कोविड केयर सेंटर की जरूरतें पूरी करने के लिए भी लोग आगे आए हैं। एडवोकेट सानंद तिवारी का कहना है कि अस्पताल बिल्डिंग से नही डॉक्टर से है। ये वही अस्पताल है जहां रोगियों से हुज्जत की जाती थी उसे डॉ छवि सिंह के हस्तक्षेप ने ज्यादा मानवीय और संवेदनशील बना दिया है। उम्मीद है उनके होने से चीजें और बेहतर होंगी।