असत्य का विमोचन करना सत्य है –मुनि श्री निरंजन सागर जी
कुंडलपुर ।श्री सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर में दशलक्षण महापर्व पर धर्मामृत वर्षा हो रही है ।पूज्य बड़े बाबा का अभिषेक ,शांतिधारा ,पूजन विधान में श्रद्धालुओं की सहभागिता हो रही है। वहीं दोपहर में शांति विधान ,पूज्य मुनि श्री के प्रवचन, आचार्य भक्ति में भक्तों की संलग्नता देखी जा रही है। सायंकाल पूज्य बड़े बाबा की महाआरती ,भक्तांमर पाठ, विद्या भवन में ,भैया जी के प्रवचन एवं स्थानीय प्रतिभाओं द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां ,आरती नृत्य की प्रस्तुतियां लोगों का मन मोह रहे हैं ।मुनि श्री निरंजनसागर जी महाराज ने सत्य धर्म पर प्रवचन में सत्य की महिमा का बखान किया ।सत्य का अर्थ मात्र ज्यों का त्यों बोलने का नाम नहीं बल्कि हित मित प्रिय वचन बोलना है ।जहां जहां सत्य है वहां वहां अहिंसा है ।हिंसा कारक वचनों को असत्य कहा है। चोरी से झूठ से काम लेना असत्य है।असत्य का विमोचन करना सत्य है। असत्य वचनों का जहां जहां संभाषण हुआ है वहां परिवार ,ग्रह नाश को प्राप्त हुए हैं ।मुनि श्री कथानक सुनाते हुए राजा महाबल और उनके युवराज बल जो राज्य पोदनपुर के राजा थे अष्ठानिन्हका का पर्व चल रहा था ।राजा ने घोषणा की कोई वध आदि कार्य नहीं करेगा ।उसी राज में राजकुमार राज्य के उप वन में जीव मारकर उसका भक्षण कर रहा था। राजाज्ञा का उल्लंघन पर राजकुमार को मृत्युदंड का आदेश हुआ ।चांडाल के घर सिपाही पहुंचते हैं ।चांडाल अपनी स्त्री से बोल देता हूं कि बोल देना मैं घर पर नहीं हूं ।सिपाही कहते हैं कि कितना दुर्भाग्य है आज कितना बड़ा इनाम मिलने वाला था लेकिन चांडाल अनुपस्थित हैं। चांडाल की स्त्री लोभ में आ जाती है और इशारा कर देती है तो सिपाही चांडाल को पकड़कर दरबार में लाते हैं चांडाल वध करने से मना करता है। क्योंकि चांडाल ने मुनि के सामने व्रत लिया था चतुर्दशी को वध नहीं करूंगा ।वह संकल्प से अडिग नहीं हुआ ।अपने लिए संकल्प की परीक्षा होती है उसमें पास होना उत्तीर्ण होना होता है। दोपहर में शांति विधान गोकल चंद, मुन्ना मास्साहब ,संतोष बड़कुल कुंडलपुर पुण्यार्जक विधान कर्ता रहे ।शांति धारा, छत्र रिद्धि मंत्र प्रथम कलश करने का सौभाग्य प्रवीण जैन आर्जव लोकचंद जैन कटनी ,गौरव नायक ,राकेश नायक ,सौरभ, प्रवर, आजाद चंद्रप्रकाश वैभव अविरल राजेंद्र मयंक विशाल अनिकेत नायक परिवार दमोह, रमेश सोमानी स्वास्थ्य लाभ हेतु शांति धारा एवं निर्वाण लाडू पंडित जगन्मोहन लाल शास्त्री परिवार कटनी प्रमोद शास्त्री मीना आशुतोष नेहा आशीष बर्षा आमर्ष आशी आविशा शास्त्री परिवार कटनी टिंकल सेठ निष्कर्ष सोमेश हर्षित जैन अमरमऊ सागर ,खेमचंद जैन छोटेलाल जैन दमोह, संतोष कुमार राजेश सौरभ ओमजी अभय जैन सागर ने प्राप्त किया सायं काल बड़े बाबा की महा आरती एवं भक्तामर पाठ हुआ, आरती नृत्य एवं भैया जी के प्रवचन कौन बनेगा करोड़पति की शानदार प्रस्तुति हुई।