कुंडलपुर में विद्याधर से विद्यासागर नाटक का हुआ भव्य मंचन
कुंडलपुर ।सुविख्यात जैन तीर्थ क्षेत्र कुंडलपुर में संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का अवतरण दिवस शरद पूर्णिमा को बड़ी धूमधाम से मनाया गया । प्रातः से लेकर रात्रि तक विविध धार्मिक -सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही ।इसी संख्या में रात्रि में विद्या भवन में कुंडलपुर ग्राम के ही कलाकारों द्वारा बहुत ही आकर्षक विद्याधर से विद्यासागर नाटक का सुंदर मंचन किया गया ।सदलगा जिला बेलगांव कर्नाटक में श्री मल्लप्पा जी अष्टगे एवं श्रीमंती जी के यहां चिक्कोड़ी सदलगा में 10 अक्टूबर 1946 शरद पूर्णिमा को जन्मे बालक का नाम विद्याधर रखा गया। विद्याधर धीरे-धीरे बड़ा होता गया ।शिक्षा पाने स्कूल में दाखिला कराया। हाई स्कूल तक शिक्षा प्राप्त कर सन 1967 में आचार्य देशभूषण जी से ब्रह्मचर्य व्रत धारण किया ,उन्होंने धार्मिक शिक्षा हेतु आचार्य ज्ञानसागर जी के पास अजमेर भेज दिया ।जहां आचार्य ज्ञानसागर जी महाराज ने विद्याधर को जांच परख कर विद्याधर द्वारा दीक्षा प्रस्ताव को सुनकर मुनि दीक्षा देने की घोषणा की ।गोद भराई हुई, भव्य बिनौली यात्रा निकाली गई तत्पश्चात वह तिथि आषाढ़ शुक्ल पंचमी 30 जून 1968 को मुनि दीक्षा अजमेर में दी गई ।आज वही विद्याधर विश्व वंदनीय संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी महाराज के रूप में दुनिया को कल्याण का मार्ग बताने देशभर में पदयात्रा कर ज्ञान का प्रकाश फैला कर आत्म कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं ।आचार्य श्री विद्यासागर जी की जीवन गाथा को नाट्य रूपांतर में प्रस्तुत करने वाले कुंडलपुर ग्राम के पात्र संस्कार जैन ,शिखा जैन, ममता जैन ,विभा जैन, रश्मि जैन, शैली जैन ,चुनमुन जैन ,चंचल जैन, अर्पित, पर्व आदीश ,पारस जैन, आदि ने बहुत ही खूबसूरती से अभिनय कर दर्शकों की वाहवाही बटोरी ।इस अवसर पर मंगलाचरण भूमि जैन अनुष्का जैन ने प्रस्तुत किया ।दीप प्रज्ज्वलन एवं आरती सकल जैन समाज कुंडलपुर द्वारा की गई। सकल जैन समाज कुंडलपुर का सराहनीय सहयोग रहा।