केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं। इसके लिए हजारों की संख्या में किसान दिल्ली के बॉर्डर पर जमा हुए हैं। आज उनके आंदोलन का 10 वां दिन है। सरकार ने किसानों से बातचीत करने के लिए आज पांचवें दौर की बैठक रखी है। इससे पहले की चार बैठकें बेनतीजा रही थीं। किसानों की मांग है कि इस कानून को रद्द कर दिया जाए। किसानों को डर है कि अगर यह कानून देश में लागू हुआ तो एमएसपी यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइज और एपीएमसी यानी एग्रीकल्चर प्रोड्यूसर मार्केट कमेटी खत्म हो जाएगी। किसानों को यह भी डर है कि अगर प्राइवेट कंपनियां आएंगी तो छोटे किसानों की जमीन हथिया ली जाएगी।
मामला नहीं सुलझा तो किसान करेंगे भारत बंद का ऐलान
किसानों का कहना है कि यदि सरकार ने इस नए कृषि कानून को वापस नहीं लिया तो 8 दिसंबर को वह भारत बंद कर देंगे। इतना ही नहीं शुक्रवार को हुई बैठक के बाद उनके नेता हरविंदर सिंह लखवाल ने कहा किअगर सरकार ने हमारी बातें नहीं मानी तो दिल्ली की बची हुई सड़कों को ब्लॉक कर दिया जाएगा।
किन-किन राज्यों में हो रहा है किसान आंदोलन?
केंद्र के नए कृषि कानून के खिलाफ सिर्फ दिल्ली में आंदोलन नहीं हो रहा है। पंजाब और हरियाणा की सीमा पर भी किसान धरना दे रहे हैं। पंजाब में किसानों के साथ महिलाएं और बच्चे भी हैं, जो दिल्ली में आकर आंदोलन करना चाहते हैं। वहीं, राजस्थान में किसानों ने जयपुर-दिल्ली रास्ते पर चक्का जाम कर किया हुआ है। राजस्थान के कई किसान दिल्ली जाने के लिए हरियाणा सीमा पर पहुंचे हुए हैं। वहीं, महाराष्ट्र में नासिक, ठाणे, पालघर, अहमदनगर, सांगली, नांदेड़, सोलापुर और विदर्भ के वर्धा समेत अन्य जिलों में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने सरकार से एमएसपी को डेढ़ गुना बढ़ाने की मांग की है। महाराष्ट्र के कई किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली कूच कर रहे हैं।
हरियाणा में भी सड़क पर उतरे किसान
इन राज्यों में भी हो रहा विरोध
उत्तराखंड में भी किसान उधम सिंह नगर और रामपुर में प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें कई किसान दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं। वहीं उड़ीसा के विधानसभा के सामने अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के लोग खूब जमकर विरोध कर रहे हैं। इस समिति का कहना है कि सरकार ऐसे कानून को वापस ले, जो किसानों और कृषि को नष्ट कर देगी। ऐसे ही उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश और आंध्रप्रदेश के किसान भी इस नए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।
गुरुग्राम में पीएम मोदी और अंबानी-अडानी के पुतले फूंके कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के समर्थन में सड़क पर उतरे मजदूर संगठन AIUTUC ने शनिवार को गुरुग्राम के राजीव चौक पर पैदल मार्च के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपतियों अनिल अंबानी व गौतम अडानी के पुतले फूंके। इस दौरान मजदूरों ने सरकार और उद्योगपतियों में सांठगांठ होने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की।