गाडरवारा। कलयुग में सम्पूर्ण जगत मोह रूपी रात्रि में सोया हुआ है । इस स्तिथि में भगवान के नाम का जाप ही अंधकार रूपी रात्रि को समाप्त कर सकता है। हमे सदैव सद्पुरुषों की संगत करनी चाहिए क्योंकि इनका साथ जीवन का पूरा ढंग बदल देता है। उपरोक्त उदगार समीपी ग्राम कोठिया नर्मदा घाट पर जारी श्री राम मानस यज्ञ के चौथे दिन सागर से पधारी साध्वी दीपेश्वरी रामायणी ने प्रवंचन में व्यक्त करते हुए आगे कहा की ईश्वर की प्राप्ति के लिए हमारे मन का निर्मल और पवित्र होना जरूरी है। जो व्यक्ति जानता ही नही धर्म और अधर्म क्या है वह यह भी नही जानता कि क्या पाप है और क्या पुण्य है । संसार मे जो दूसरों का हित करता है उसका हित ऊपरवाला करता है एवं जिसे दुसरो की चिंता होती है उसकी चिंता ईश्वर को होती है। विदित हो कि मानस यज्ञ में प्रतिदिन बड़ी संख्या में क्षेत्रीय श्रद्धालु कोठिया घाट पहुँचकर धार्मिक लाभ ले रहे है।

