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June 14, 2025
ADITI NEWS
सामाजिक

गाडरवारा,कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन

गाडरवारा। विगत दिवस गाडरवारा तहसील अंतर्गत ग्राम छीतापार के गाँधी बाजार मुहल्ले में कवि सम्मेलन का आयोजन छोटे स्तर पर किया गया। सम्मेलन की शुरुआत कवियों के शाल, श्रीफल द्वारा सम्मान से की गई तदोपरांत सरस्वती वंदना गाई गई। सम्मेलन में कवि प्रशांत कौरव ने ” कह दो उन नेताओं से उनका यहाँ कोई स्थान नही है
जो मानवता न पहचाने उनका हिंदुस्तान नही ” कविता सुनाकर तालियां बटोरीं। कवि ध्यान सिंह कौरव ने “पूर्णतः का स्वरूप क्या होगा ,इससे बढ़कर कर अनूप क्या होगा”रचना सुनाई। कवि अशोक त्रिपाठी ने “सावन में बरसातों का मनमीत दिखा करता हूं ,हाँ में अंधियारे से लड़ने का गीत लिखा करता हूं” रचना सुनाई। कवि रामवल्लभ तिवारी ने “छोटी है रजइया तुम पाँव कम पसारो,धना मेरी सुनो तनक मुह में तारों तो डारो”सुनाकर लोगो को खूब हंसाया। कवि विजय नामदेव बेशर्म ने “कलम की वन्दगी को ही कर्म कहने लगे ,
झुकी झुकी नजर को ही शर्म कहने लगे” सुनाकर माहौल काव्यमय कर दिया। कवि ब्रजबिहारी विराट ने :”करें ये लाख मनमानी मगर ये ध्यान रखते हैं ,अपने संस्कारो का सदा ही सम्मान रखते हैं रचना सुनाकर माहौल में शमां बांध दिया। स्थानीय कवि विमलेश कौरव ने
“कभी तन्हाई का एहसास वो होने नही देती ,खुद सहे दर्द ए गम लेकिन मुझे रोने नही देती ” रचना सुनाकर लोगो को भावुक कर दिया। कवि सुनील तन्हा ने
“आबादी न बढ़ाओ ,, आबादी न बढ़ाओ ,एक अरब से ऊपर हो गयी अब तो रोक लगाओ रचना सुनाकर जनसंख्या वृद्धि पर तंज कसा। कवि आशीष सोनी आदित्य ने तन्नक सी बात में भुकर भुकर जात हो ,कभी खीर तो कभी पुलाओ पकात हो सुनाकर बुंदेली बौछार की। सम्मेलन का संचालन कवि ध्यान सिंह कौरव एवं आभार प्रदर्शन सुरेश सिंह बड़कुर ने किया।

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