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गाडरवारा,क्रमोन्नति के आदेश को लेकर शिक्षकों मेंआक्रोश ,एसडीएम कार्यालय पहुँचकर सौंपा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

(राज्य शिक्षक संघ ने गाडरवारा सहित जिले भर में सौंपे ज्ञापन)

गाडरवारा- राज्य शिक्षक संघ मध्यप्रदेश के प्रांतीय के आव्हान पर आज अध्यापक संवर्ग से राज्य शिक्षा सेवा संवर्ग में नियुक्त शिक्षकों के जारी क्रमोन्नति आदेश आयुक्त लोक शिक्षण संचनालय द्वारा स्थगित गये जाने के विरुद्ध में राज्य शिक्षक संघ तहसील गाडरवारा ने माननीय मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन तहसीलदार महोदया श्रीमती मीनाक्षी जायसवाल को सौपा गया,नवागत अनुविभागीय अधिकारी श्री राजेश पटेल ने भी शिक्षकों की समस्याएं सुनी,शिक्षकों द्वारा ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार द्वारा शिक्षक समाज के ऊपर विश्वासघात है, विभागीय अधिकारियों की मनमानी के चलते शिक्षकों का क्रमोन्नति आदेश निरस्त किया गया जिससे शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है ।
राज्य स्कूल शिक्षा सेवा में नियुक्त होने की प्रक्रिया के दौरान प्रदेश के अध्यापक संवर्ग को अपनी पूर्व की सेवा अवधि के मान्य होने की शंका थी इसीकारण गत दिनों प्रान्ताध्क्ष जगदीश यादव के नेतृत्व में आपसे हुई व्यक्तिगत वार्ता और आपने निर्देश पर अधिकारियों के साथ हुई वार्ता में हमे आश्वस्त किया गया था कि पदोन्नति/क्रमोन्नति और वरिष्ठता संधारण में पूर्व के सेवा अवधि का पूर्ण लाभ मिलेगा,इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा अखबारों में विशेष सूचना भी प्रकाशित की गई थी।
राज्य स्कूल शिक्षा सेवा की जारी सेवा शर्तों में बिंदु क्रमांक 2.15 में कहा गया कि पूर्व की 10 वर्ष की सेवा को पदोन्नति/क्रमोन्नति में गणना में लिया जाएगा और इसी आदेश के बिंदु 3.2 में पूर्ण वर्षों को गणना में शामिल करते हुए क्रमोन्नति का उदाहरण भी दिया गया।
3- बिंदु क्रमांक 3.2 का पालन करते हुए अनेक जिलों ने पहले 12 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले शिक्षकों की प्रथम क्रमोन्नति के आदेश जारी कर दिए फिर आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय का नाम लेकर निरस्त करना शुरू कर दिया।
4- आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय से व्यक्तिगत मिलकर संघ द्वारा इसपर आपत्ति की गई तो बताया गया कि उनके द्वारा किसी जिले को क्रमोन्नति देने के लिए रोका नही गया।
5-माननीय महोदय विगत 8 मार्च को लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा सम्पूर्ण म प्र के जारी क्रमोन्नति आदेशों को स्थगित कर दिया गया।जो आपकी घोषणा,आयुक्त महोदय से हुई व्यक्तिगत वार्ता सभी से विपरीत है।
माननीय मुख्यमंत्री महोदय विगत दिनों से उच्च कार्यालय स्तर से दिए जा रहे निर्देशों से एक बार पुनः जिस दोयम दर्जे का विभागीय उपेक्षित व्यवहार हम शिक्षा कर्मी,संविदा शिक्षक और अध्यापक संवर्ग में रहते महसूस करते थे अब पुनः उसी का दंश झेलने मजबूर हो रहे हैं,यह विषय अब अध्यापक संवर्ग से राज्य स्कूल शिक्षा सेवा में नियुक्त शिक्षकों के लिए दुःखद और निराशाजनक है,विभाग स्तर से आदेशों को पूर्ण रूप से जारी न करना और मामले को लंबे समय तक स्पष्ट न करना एक प्रवृत्ति बनती जा रही है जो सरकार की छबि के लिए भी उचित नही है।
शिक्षकों ने मुख्यमंत्री महोदय से विनम्र आग्रह किया है उक्त मामले में तत्काल कार्यवाही करते हुए क्रमोन्नति में पूर्व की समस्त सेवा अवधि की गणना संबंधी पत्र जारी कराने की कृपा करें ताकि अध्यापक संवर्ग के प्रति व्याप्त दोयम दर्जे के व्यवहार की विभागीय कार्यप्रणाली पर विराम लग सके।
ज्ञापन देते समय राज्य शिक्षक संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष नगेन्द्र त्रिपाठी, जिला उपाध्यक्ष मलखान मेहरा,महेश वैष्णव, रामावतार पटेल,दौलत पटेल, लक्ष्मीकांत कौरव,चन्दन शर्मा,चन्द्रकांत विश्वकर्मा, राजेश कौरव,राघवेंद्र गुप्ता,योगेन्द्र झारिया, नेपाल सिंह झारिया, देवीसिंह कीर,महेन्द्र वर्मा,,परेश नागवंशी, बालकिसन ठाकुर,के के दुबे,संजय अवस्थी,नरेश मेहरा,डी सी ठाकुर,श्रीमती ज्योत्सना दुबे,,श्रीमती शकुंतला माझी,योगेन्द्र सिलावट,वीरेन्द्र वर्मा,राजकुमार गुप्ता,राकेश शर्मा, राघवेंद्र चौधरी,राजेश नौरिया,खुमान सिंह विश्वकर्मा,कौशल वर्मा,लक्ष्मीनारायण वर्मा के साथ अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे ।

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