श्री कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम एवं श्रद्धा भक्ति के साथ मना,
जब जब पृथ्वी पर धर्म की हानि हुई है, तब-तब धरती पर भगवान अवतरित हुए हैं। – डॉ अनिल शास्त्री
श्रद्धालुओं ने नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की, के भक्ति गीत पर जमकर नृत्य किया
पूज्य गुरुदेव पंडित देव प्रभाकर शास्त्री “दद्दा जी” की असीम कृपा में पूज्य बड़े भैया डॉ शास्त्री के सानिध्य में गोंगावली (करेली) में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन आज श्री कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम एवं श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया गया। आज की कथा में पूज्य बड़े भैया डॉ अनिल शास्त्री ने कथा पंडाल में उपस्थित हजारों भक्तों को भागवत कथा सुनाते हुए कहा की भगवान को अगर पाना है तो मन में इस भाव को बसा लेना होगा कि मेरा सब कुछ मेरे ठाकुर जी है. मेरे पास अपना कुछ भी नहीं जो कुछ भी है सो मेरे ठाकुर जी का ही है. गजेंद्र मोक्ष पाठ की महिमा बताते हुए डॉ शास्त्री ने कहा कि जो भी यह पाठ करता है. उस पर ठाकुर जी की कृपा सदा बनी रहती है. संकट उस पर सपने में भी नहीं आते. माता-पिता के चरण पकड़ लो, किसी और की चरण वंदना की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी जीवन में सब कुछ जरूरी है पर एक मर्यादा के अंदर सभी हो तो तभी तक सब ठीक है। पूज्य बड़े भैया डॉ अनिल शास्त्री ने बामन अवतार, नरसिंह अवतार, भक्त पहलाद कथा, राम और कृष्ण जन्म कथा के सुंदर चरित्र प्रसंग की अदभुत लीलाओं का भक्तों को श्रवण रसपान कराया । भगवान श्री कृष्ण ने अपने भक्तों का उद्धार और पृथ्वी को दैत्य शक्तियों से मुक्त करने के लिए इस धरती पर अवतार लिया था। उन्होंने कहा कि जब जब पृथ्वी पर धर्म की हानि हुई है, तब-तब धरती पर भगवान अवतरित हुए हैं। वही अत्याचारी कंस के पापों से भी जब धरती डोलने लगी, तब भगवान नारायण को अत्याचारी कंस के पापों से लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए श्री कृष्ण जन्म के रूप में इस धरा धाम पृथ्वी पर अवतरित होना पड़ा तथा पापियों का नाश किया।इस दौरान भागवत कथा मैं जैसे ही भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ, भक्तगण भाव विभोर होकर कृष्ण जन्मोत्सव में झूम उठे। भक्तों की भारी भीड़ भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप के दर्शन को उमड़ पड़ी।भक्तों ने एक दूसरे को कृष्ण जन्मोत्सव की बधाइयां देते हुए भगवान श्री कृष्ण के ऊपर सुंदर सुगंधित फूलों की वर्षा करते हुए नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की, के भक्ति गीत पर जमकर नृत्य किया। जन्मोत्सव उपरांत भगवान श्री कृष्णा की भव्य आरती की गई।