ग्वालियर। विवादों के अंतहीन सिलसिलों को कम करने में मीडिएशन (मध्यस्थता) पद्धति प्रभावी साबित हो रही है। इसीलिए मीडिएशन को विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है। इस कड़ी में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधिपति एवं कार्यपालक अध्यक्ष राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण श्री संजय यादव ने गुरूवार को जबलपुर से ऑनलाइन ग्वालियर में महाराजपुरा के समीप स्थित एमिटी विश्वविद्यालय में “मीडिएशन सैल” (मध्यस्थता केन्द्र) का उदघाटन किया।
ज्ञात हो विवादों की अंतहीन परिस्थितियों में सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा-89 के अंतर्गत विवादों के वैकल्पिक निराकरण की पद्धति के रूप में मध्यस्थता की एक विशेष प्रासंगिकता एवं पहचान स्थापित हुई है। इस पद्धति द्वारा समय व धन की बचत के साथ-साथ न्यायिक व्यवस्था व संसाधनों पर बोझ कम हुआ है। मध्यस्थता पद्धति से समाज के अंतिम स्तर तक न्याय की सौहार्द्रपूर्ण रीति से व्यवस्था कायम की जा सकती है।
जिला न्यायालय के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक मध्यस्थता पद्धति को साकार करने के उद्देश्य से कार्यवाहक मुख्य न्यायाधिपति श्री संजय यादव के आदेशानुसार 20 घंटे का ऑनलाइन सामुदायिक मीडिएशन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके अलावा अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के माध्यम से भी प्रशिक्षण दिलाया गया।
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