मध्यप्रदेश शासन के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ.प्रभुराम चौधरी ने आज छिन्दवाड़ा जिले के प्रवास के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर जिले में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। बैठक में पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक राम पाल सिंह व विवेक साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्रभारी कलेक्टर श्रीमती रानी बाटड, पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गजेन्द्र सिंह नागेश, एस.डी.एम. छिन्दवाड़ा अतुल सिंह, डिप्टी कलेक्टर अजीत तिर्की, नगर निगम आयुक्त हिमांशु सिंह, छिन्दवाड़ा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ.गिरीश बी.रामटेके, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.जी.सी.चौरसिया, सिविल सर्जन डॉ.श्रीमती पी.गोगिया, जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डॉ.सुशील राठी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.शरद बंसोड, सभी विकास खंड चिकित्सा अधिकारी व जिला स्तरीय इंटीग्रेटेड कोविड कंट्रोल रूम के नोडल अधिकारी श्री जी.एल.साहू सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ.चौधरी द्वारा कोविड-19 कोरोना वायरस संक्रमण की वर्तमान स्थिति, पॉजिटिव मरीजों की संख्या व उपचार, कांटेक्ट ट्रेसिंग, प्रतिदिन सेंपलिंग की स्थिति सहित संक्रमण को रोकने के लिए किए जा रहे उपायों की जानकारी प्राप्त की गई। उन्होंने कहा कि यद्यपि छिंदवाड़ा जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण नियंत्रण में है, लेकिन अभी भी पूरी तरह चौकस और सतर्क रहने की आवश्यकता है। महाराष्ट्र बॉर्डर से लगा होने के कारण संक्रमण के लिए जिला संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से बचने के लिए हर आवश्यक उपाय अपनाए जाएं और लोगों में व्यापक जागरूकता लाने के लिए प्रयास किए जाएं। मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन को अधिक से अधिक प्रोत्साहित किया जाए। स्वास्थ्य अमला आम नागरिकों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करायें जिससे सरकारी अस्पतालों के प्रति लोगों में विश्वास पैदा हो। उन्होंने बताया कि लोगों के मन में क्वॉरेंटाइन होने का डर बैठा हुआ है इस वजह से सर्दी-जुखाम के मरीज और कोरोना वायरस संक्रमण के संभावित मरीज स्वप्रेरणा से इलाज कराने नहीं आते। उनके मन से इस डर को हटाने के लिए भी प्रयास करें। अगर समय पर कोरोना की पहचान और इलाज प्रारंभ हो जाए तो खतरे की संभावना बहुत कम हो जाती है और संक्रमण फैलने का प्रतिशत भी कम हो जाता है। इस संबंध में लोगों को जागरूक करें। छोटे बच्चों, बुजुर्गों और अन्य बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों की विशेष देखभाल के लिए प्रेरित करें, इन्हें कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा फैलने की संभावना अधिक होती है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ.चौधरी ने निर्देश दिए कि जिले में उपलब्ध सभी वेंटिलेटर और ऑक्सीजन बेड वर्किंग कंडीशन में रहें। फीवर क्लिनिकों का संचालन भी नियमित होता रहे। समय-समय पर जनप्रतिनिधियों के साथ कोरोना वायरस के संबंध में बैठकों का आयोजन किया जाए। सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में पर्याप्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित हों। जिले के साथ-साथ आसपास के जिलों को भी छिंदवाड़ा की स्वास्थ सुविधाओं का लाभ प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि हमें कोरोना संक्रमण से बचाव के उपाय तो करने ही हैं, साथ में विभिन्न राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर भी पूरा ध्यान देना है। उन्होंने संपूर्ण टीकाकरण, मातृ और शिशु स्वास्थ्य तथा टीबी उन्मूलन कार्यक्रम पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि राज्य शासन के आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोड मैप में स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण विषय है। इसके लिए उन्होंने सभी से साथ मिलकर प्रदेश के नागरिकों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया।
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री नागेश ने बताया कि जिले में अभी तक 50828 सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। अब तक कुल पॉजिटिव पाए गए 2051 मरीजों में से 1918 स्वस्थ हो चुके हैं। जिले का पॉजिटिविटी रेट 4.03 प्रतिशत और रिकवरी रेट 93.51 प्रतिशत है। कोविड-19 के लिए जिला स्तरीय इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम बनाया गया है एवं हेल्पलाइन नंबर जारी किये गए हैं। जिले में अभी तक कुल 798 कंटेनमेंट एरिया बनाए गए हैं जिनमें से 42 एक्टिव है। जिले में कुल 1021 आइसोलेशन बेड उपलब्ध है। इनमें से 289 बेड ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ और 68 बेड आई.सी.यू./एच.डी.यू. सपोर्ट के साथ उपलब्ध हैं। उन्होंने उपचार के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्धता की जानकारी देते हुए, जिले में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए किए जा रहे सभी उपायों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की ।