जबलपुर। आत्मनिर्भर भारत अभियान अंतर्गत एक जिला-एक उत्पाद के तहत जबलपुर जिले में मटर प्रसंस्करण का चयन किया गया है। जिले के शहपुरा एवं पाटन विकासखंड की उपजाऊ भूमि में रबी और खरीफ की दोनों फसलों की बुआई की जाती है किन्तु क्षेत्र में रबी में मटर उत्पादन को प्राथमिकता दी जाती है यह उल्लेखनीय है कि रबी मौसम में लगभग 23 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में 2 लाख 30 हजार मीट्रिक टन मटर का उत्पादन किया जाता है। मटर की कुछ अगेती किस्में जैसे काशी नंदनी, काशी उदय, काशी मुक्ति, काशी अगेती है जो लगभग 70 से 75 दिन में पककर तैयार होता है। प्रति फल्ली 7 से 10 दाने एवं उत्पादन 8 से 12 मी.टन प्रति हेक्ट. होता है।
मटर प्रोसेसिंग के लिए जिले में दो प्रोसेसिंग प्रसंस्करण स्थापित हैं जिसमें भानू फार्मस शहपुरा और फ्रोजन एग्रो इंडस्ट्री उमरिया डुंगरिया है। भानू फार्मस शहपुरा से प्रतिवर्ष 5 से 8 हजार मीट्रिक टन मटर प्रोसेसिंग किया जाता है जिसे मध्यप्रदेश तथा अन्य राज्यों के साथ जापान और सिंगापुर में भेजा जाता है। इससे क्षेत्र के लोगों को रोजगार तथा जिले को मटर उत्पादन में एक विशिष्ट पहचान मिल रही है। मटर उत्पादक कृषकों, स्वसहायता समूहों की सहभागिता एवं मटर प्रसंस्करण इकाईयों से एक जिला एक उत्पाद थीम के तहत मटर उत्पादन व प्रसंस्करण में जिले तथा आसपास के युवाओं को रोजगार के साथ जबलपुर को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है।