दमोह । राज्यस्तरीय जनजातीय सम्मेलन व सिंगौरगढ़ किले के संरक्षण कार्य के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज दमोह जिले के सिंग्रामपुर पहुंचे, सुबह 10:30 बजे सेना के हेलीकॉप्टर से पहुंचे महामहिम का स्वागत करने ग्राम जलहरी में बनाए हेलीपैड पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल पहले से मौजूद रहे। स्वागत उपरांत सड़क मार्ग से अपने वाहनों के काफिले से 26 किलो मीटर का सफर तय करते हुए महामहिम राष्ट्रपति ग्राम सिंग्रामपुर पहुंचे जहां उन्होंने वीरांगना रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए, इसके बाद वह राज्यस्तरीय जनजाति सम्मेलन में शामिल हुए जहां पर उनका सम्मान प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शॉल भेंट कर किया एवं उन्हें गौड़ चित्रकला की एक पेंटिंग स्मृति स्वरूप प्रदान की। जनजातीय सम्मेलन में सर्वप्रथम एकलव्य विद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा गोंडवाना संस्कृति को पेश करता हुआ आल्हा का गायन किया गया वहीं विद्याथियों ने नृत्य की प्रस्तुति भी दी। इस दौरान महामहिम राष्ट्रपति ने सिंगौरगढ़ किले के जीर्णोद्धार के लिए भूमि पूजन सिंगौरगढ़ किले विकास से जुड़ी परियोजना का लोकार्पण किया किया वही दमोहः स्तिथ बेलाताल झील पर्यटन मंत्रालय अवसंरचना विकास अन्य कार्यों का लोकार्पण भी किया।दमोहः में अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राम मनोहर लोहिया पंडित दीनदयाल उपाध्याय की ताम्र प्रतिमाओं वर्चुअल लोकार्पण हुआ मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनजाति समुदाय के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं का सम्मान किया इस अवसर पर सम्मानित होने वाले छात्र-छात्राओं में सारिका ठाकुर 94.2 प्रतिशत कक्षा दसमी की मुस्कान 99प्रतिशत को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल रानी दुर्गावती पुरस्कार से सम्मानित किया इसी तरह पंकज धुर्वे कक्षा बारहवीं 93. 7% वहीं नरेंद्र अपाचे 99 . 5% को शंकर सहायक पुरस्कार से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी ने सम्मानित किया आयोजित जनजाति सम्मेलन में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तिका “बानगी” विमोचन किया गया पहली प्रति राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेंट की गई
सम्मेलन में सर्वप्रथम केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने उद्बोधन दिया जिन्होंने बताया कि महामहिम राष्ट्रपति जी से उन्होंने आग्रह किया था और वीरांगना रानी दुर्गावती के इस वीर भूमि के बारे में जानकारी दी थी तब यह जनजातीय सम्मेलन आयोजित करने का विचार हुआ जिसमें राष्ट्रपति जी ने शामिल होने के लिए अपनी स्वीकृति देकर दमोह को गौरवान्वित किया है, इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने उद्बोधन में बताया कि प्रदेश सरकार जनजातीय वर्ग के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है आगे भी अन्य योजनाएं लाने पर कार्य कर रही है प्रदेश में जनजातीय वर्ग के लिए विशेष सुविधाएं भी सरकार प्रदान कर रही है मुख्यमंत्री चौहान ने बताया की इस धरा पर रानी दुर्गावती का राज्य सदा कायम रहा और उन्होंने अपने प्राणों की आहुति भी देश के लिए दी। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी अपने उद्बोधन में रानी दुर्गावती के बलिदान को लेकर नमन किया और इस धरा पर पहुंचने के लिए सबका आभार जताया। महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने उद्बोधन में बताया कि गोंडवाना साम्राज्य चारों ओर फैला हुआ था और रानी दुर्गावती ने किस तरह शासन किया इसका उदाहरण आज भी दिया जाता है राष्ट्रपति जी ने कहा कि उनका सपना था कि एक बार रानी दुर्गावती के चरणों में वह पुष्प अर्पित करने जाएं और उनकी यह इच्छा आज पूरी हुई है इसी के साथ उन्होंने एकलव्य विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा दी गई प्रस्तुति की सराहना की वहीं उन्होंने जनजाति समुदाय का देश के लिए दिए जाने वाले योगदान को लेकर कहा कि इनका योगदान सराहनीय रहा है और इसी तरह इनका योगदान इस देश के लिए मिलता रहेगा। करीब 20 मिनट के उद्बोधन में महामहिम ने जनजातीय वर्ग के लिए बनाए गए मंत्रालय के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई जी का भी आभार जताया। महामहिम के उद्बोधन के बाद राष्ट्रगान हुआ और इसके बाद महामहिम कार्यक्रम के समापन उपरांत हेलीपैड के लिए रवाना हो गये। हेलीपैड पर महामहिम राष्ट्रपति ने भोज में भाग लिया और उसके उपरांत हेलीकॉप्टर से वह जबलपुर के लिए रवाना हो गये। इस कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं जनजातीय कार्य विभाग मध्यप्रदेश शासन के द्वारा किया गया। महामहिम के सानिध्य में आयोजित हुए राज्य स्तरीय जनजाति सम्मेलन में केंद्रीय इस्पात मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह, जनजातीय कार्य विभाग मंत्री सुश्री मीना सिंह शामिल रहीं।