दमोह(हटा)आज सारे अखबारों की सुर्खियां देख और पढकर लगता है कि, पारिवारिक रिस्तों के विश्वास में खोट आई है । यह तो हम अपने बच्चों पर ज्यादा विश्वास करके उन्हे एकांत में छोड रहे है या फिर इस हाईटेक युग में बच्चा अपने माता पिता की अज्ञानता का फायदा उठाकर उनके साथ विश्वासघात कर रहा है। कई घटनाओं में यह देखने में आया कि जिसे हम पलकों की छांव में बिठाकर रखे थे उसी आंख से काजल चोरी हो गया। यह बात पूर्व डीएसपी एवं ब्रम्हचारणी डा. रेखा जैन ने श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन बडा मंदिर परिसर में युवाओं एवं उनके अभिभावकों को अपने प्रेरक उद्बोधन देते हुए कही।
आर्यिका रत्न श्री गुणमति माता जी के ससंघ पावन वर्षायोग पर इस अल्पकालीन गोष्ठी में अपने बिन्दास व्यक्तिव्य के लिए जानी जाने वाली डा. रेखा जैन ने युवाओं को बताया कि जब तक इंस्पेक्टर रही तब तक पडगाहन के शब्दों को भी नहीं जानती थी, लेकिन आचार्य श्री का सानिध्य पाकर मैंने अपना सारा जीवन मोक्षमार्ग के लिए समर्पित कर दिया। डीएसपी का पद त्यागकर आत्म कल्याण के मार्ग पर चल पडी हूं। उन्होने युवाओं से कहा कि भले ही देवस्तुती मत करना, लेकिन माता पिता के उपकारों को कभी मत भूलना ।
माता पिता की लिप्ट और गिफ्ट का कर्ज तुम किसी भी कीमत में नहीं चुका सकते हो । लेकिन दुर्भाग्य उन युवाओं का जो माता पिता के उपकारों को भूलकर, अनजान तथाकथित लोगों के द्वारा निहित स्वार्थवश दी गई लिप्ट और गिफ्ट को छाती से लगाकर रखते है और उनके बहकावे में आकर गलत दिशा पकड लेते है । डा. रेखा ने सकल समाज से आव्हान किया कि समाज के लोग ऐसे लोगों को तलाशें जो अपने पूरे परिवार के साथ नियमित मंदिर आते है ।
पिता पुत्र दोनों आकर अभिषेक पूजन करते हो, सास बहू दोनों साथ साथ मंदिर आते हो, भाई बहिन, पति पत्नी दोनों मंदिर साथ साथ आते हो ऐसे लोगों को सार्वजनिक स्थल पर सम्मान किया जाना चाहिए ताकि आने वाली पीढी इनसे सबक ले सके । आज वृद्धाश्रम में किसी गरीब निर्धन के माता पिता नहीं मिलेगें बल्कि पढे लिखे साधन सम्पन्न परिवार के मातापिता नजर आयेंगें । इसका सबसे बडा कारण लोगों का संस्कारों से भटकाव है, युवाओं को भूत और भविष्य में नहीं वर्तमान में जीना होगा, जिसने अपना वर्तमान सुधार लिया वही वर्धमान बनने की क्षमता रखता है ।जयकुमार जलज ने डा. रेखा जैन का परिचय कराते हुए उनके द्वारा युवाओं संस्कारित करने के लिए जो सेमीनार, जेल में हस्तकरघा से रोजगार, सोशल मीडिया के माध्यम से प्रेरक का कार्य किये जा रहे उनके बारे में बताया। कार्यक्रम का संचालन पं. प्रवीण जैन सोनू द्वारा किया गया, महिला मंडल की अध्यक्ष कल्पना जैन, चमेली जैन, चंपा जैन, रमा जैन ने सम्मान स्वरूप श्रीफल व स्मृति चिन्ह भेंट किया,
इस अवसर पर लक्ष्मीचंद जैन, दीपक जैन, आशीष जैन, सपन, विनय, चक्रेश, तरूण, प्रकाश, नरेन्द्र बाकल, शिखरचंद पटवारी, हेमकुमार, कोमलचंद सहित बडी संख्या में युवा, बालक बालिका आदि उपस्थित रहे ।