प्रधानमंत्री आवास योजना में 639.47 करोड़ की राशि उपलब्ध कराने का आग्रह
दिल्ली। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने बुधवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी से भेंट की। श्री सिंह ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में अंतर्गत तीनों किश्तों की 639 करोड़ 47 लाख रूपये आवंटित करने का आग्रह किया। उन्होंने अमृत योजना में केन्द्रांश की शेष राशि 130 करोड़ रूपये और स्वच्छ भारत मिशन (शहरी-एक) में केंद्रांश की राशि 104 करोड़ रूपये आवंटित करने का भी अनुरोध किया।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री सिंह ने श्री पुरी को बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में भोपाल और ग्वालियर शहरों ने भी वाटर प्लस के सभी मानदंड पूरे किये हैं। इन शहरों को वाटर प्लस प्रमाणन के लिए फिर से सत्यापन का अवसर देने का आग्रह किया।
श्री सिंह ने कहा कि आपके सहयोग एवं मार्गदर्शन में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की सभी महत्वपूर्ण योजनाओं में मध्यप्रदेश आज देश में अग्रणी राज्य है। उन्होंने कहा कि आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में घोषित जल जीवन मिशन (शहरी) और स्वच्छ भारत मिशन (शहरी-2) शहरों में स्वच्छ जल, सीवेज ट्रीटमेंट और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्रियान्वयन में अत्यधिक महत्वपूर्ण साबित होंगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री सिंह ने बताया कि पी.एम. स्वनिधि योजना के प्रथम चरण में मध्यप्रदेश देश में द्वितीय स्थान पर है तथा पी.एम. स्वनिधि के द्वितीय चरण के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश प्रथम स्थान पर है। स्मार्ट सिटी मिशन अंतर्गत “इंडिया स्मार्ट सिटी कान्टेस्ट 2020” में राज्य को देश में द्वितीय स्थान का गौरव प्राप्त हुआ तथा मध्यप्रदेश के 5 शहरों को विभिन्न श्रेणियों में कुल 11 अवार्ड प्राप्त हुए। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश के द्वारा 8 लाख से अधिक आवासों को स्वीकृत कर 4 लाख से अधिक आवासों का निर्माण अल्प समय में पूरा किया है, आज इस योजना में हम देश में द्वितीय स्थान पर है। अमृत योजना में मध्यप्रदेश में 199 परियोजनाओं में से 135 परियोजनाएँ पूरी की जा चुकी हैं तथा शेष 64 परियोजनाओं में से 57 परियोजनाऐं भी मार्च 2022 तक पूर्ण कर ली जायेंगी। केवल 7 परियोजनाओं को पूरा करने में मार्च 2023 तक का समय लगेगा। स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में मध्यप्रदेश को तृतीय स्थान प्राप्त करने का गौरव प्राप्त हुआ है। प्रदेश के शहरों ने स्वच्छता को एक अभियान के रूप में आत्मसात किया है। इसी का परिणाम है कि मध्यप्रदेश का इंदौर वाटर+ शहर बना है और प्रदेश के 293 शहर ओडीएफ++ घोषित हुए हैं।