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October 7, 2024
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शिक्षा

नरसिंहपुर,लॉक डाउन के खाली समय का शिक्षा के संचार में किया सदुपयोग- “सफलता की कहानी”

नरसिंहपुर। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिये किये गये लॉकडाउन में जब सभी गतिविधियां बंद थी, लोगों का घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित था, तब भी जिले के लोकीपार ग्राम के विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षा का संचार होता रहा। इस दौरान न तो लॉकडाउन के नियम टूटे और ना ही कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन हुआ। शासकीय एकीकृत माध्यमिक शाला लोकीपार की प्रधान पाठक सुश्री शिखा शर्मा ने अपने ग्राम लोकीपार में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया। उन्होंने मोहल्ला क्लासेस व ऑनलाइन शिक्षा शुरू की। लॉक डाउन के दौरान समन्वय व सतर्कता के साथ इस तरह किये गये समय के सदुपयोग के कारण बच्चे पढ़ाई में पीछे नहीं रहे।
   प्रधान पाठक सुश्री शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन में मैं कुछ ऐसा करना चाहती थी जिससे बच्चों की पढ़ाई में कोई अवरोध न आए। तब कॉलेज में पढ़ने वाले गांव के युवक भी अपने- अपने घरों में ही थे। मैंने संपर्क कर उनसे अपने- अपने मोहल्ले के बच्चों को पढ़ाने का आग्रह किया, तो वे मान गये। चारों युवकों को ऑनलाइन जोड़कर हमने पढ़ाई शुरू की। योगेश मेहरा के अलावा कॉलेज के 3 अन्य छात्रों ने अपने- अपने मोहल्ले के विद्यार्थियों को पढ़ाना आरंभ किया और घरों के आंगन में ही अलग- अलग स्थानों पर चार मोहल्ला क्लासेस शुरू हो गई, जिनमें स्कूल के माध्यमिक स्तर के 35 विद्यार्थी लाभांवित होने लगे। इन युवकों के मोबाइल पर शैक्षिक सामग्री और संबंधित वीडियो भेजे जाते थे। इस तरह बच्चों, शिक्षकों व शिक्षित युवाओं ने लॉक डाउन में पूरी ऐहतियात के साथ अपने समय का सदुपयोग किया। प्रधान पाठक ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाने में डाटा का जो खर्च आता था वह है मैं ही वहन करती थी।
   जुलाई में जब शासन द्वारा “हमारा घर- हमारा विद्यालय” अभियान प्रारंभ किया गया तो, विद्यालय के चारों शिक्षकों को एक- एक मोहल्ले का प्रभारी बनाया गया। वे विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाने के साथ घर- घर जाकर भी मार्गदर्शन देने लगे। स्कूल की प्रधान पाठक और अन्य शिक्षक श्रीमती नेहा शर्मा, श्रीमती कमलेश साहू, श्रीमती रेहाना खान द्वारा शुरू किया गया यह सिलसिला अब भी लगातार जारी है।
   वर्तमान में स्कूल द्वारा गांव में बच्चों के बीच व्यायाम, योग के साथ अन्य गतिविधियां भी संचालित की जा रही हैं। चारों मोहल्ले में लगने वाली मस्ती की पाठशाला में बच्चे कहानी, चुटकुले, गीत, कविता आदि सुनाते हैं। मस्ती की इस पाठशाला में शिक्षकों द्वारा उन्हें खेल- खेल में पढ़ाने व सिखाने की कवायद की जाती है। इस दौरान बच्चों द्वारा कोरोना के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए गांव में रैली भी निकाली गई। विद्यालय द्वारा वर्तमान में प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर किस सभी बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा के लिए जोड़ लिया गया है।

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