कलेक्टर रोहित सिंह ने जिला मुख्यालय पर बाल देखरेख संस्थाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने इन संस्थाओं में रहने वाले बच्चों को चॉकलेट, पेन- डायरी वितरित की। बच्चों ने उत्साहपूर्वक चर्चा की और अपनी पेटिंग एवं कलाकृति दिखाई। उल्लेखनीय है कि जिले में एक शासकीय संस्था संप्रेक्षण गृह और 4 अशासकीय बाल देखरेख संस्थायें संचालित हैं। इनमें देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों को प्रवेश दिया जाता है।
निरीक्षण के दौरान नरसिंहपुर में कलेक्टर पहले अशासकीय सृजन वात्सल्य शिशु गृह पहुंचे। यहां 6 वर्ष तक के बालक निवासरत हैं। इसके बाद सिंह ने अशासकीय राजराधा बाल गृह का भ्रमण किया। यहां 6 से 18 वर्ष तक के बालक रहते हैं। इस दौरान बालकों ने गीत एवं नृत्य प्रस्तुत कर स्वागत किया। कलेक्टर ने बालकों के उचित पोषण, पुनर्वास, स्वास्थ्य एवं शिक्षा के लिए समन्वय कर सहयोग करने की बात कही। राजराधा बाल गृह में कलेक्टर ने बालकों से शिक्षा, खान- पान, खेलकूद, व्यक्तिगत रूचियों और व्यावसायिक प्रशिक्षण के बारे में चर्चा की। उन्होंने 16 से 18 वर्ष तक के बालकों के लिए विषय विशेषज्ञ शिक्षक की व्यवस्था कराने और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के निर्देश दिये। इसके बाद कलेक्टर ने शासकीय सम्प्रेक्षण गृह का भ्रमण कर व्यवस्थाओं और सुविधाओं की जानकारी लेकर आवश्यक निर्देश दिये।
इस अवसर पर एसडीएम आरएस बघेल, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास, सहायक संचालक सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण श्रीमती अंजना त्रिपाठी, सीएमओ, सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास और अन्य अधिकारी मौजूद थे।