परिवहन अनुज्ञापत्र प्राप्त किये बगैर गौवंश के क्रूरतापूर्वक परिवहन किये जाने के एक मामले में जिला दंडाधिकारी श्री रोहित सिंह ने जप्त एक ट्रक और 28 गौवंश राजसात करने का आदेश जारी किया है। यह आदेश मध्यप्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम 2004 और मध्यप्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध नियम 2012 के नियम 5 के प्रावधानों के तहत जारी किया गया है।
इस सिलसिले में एक ट्रक क्रमांक सीजी 07 सीबी 0632 और 28 गौवंश को जप्त किया गया था। इस मामले में मध्यप्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम 2004 के तहत थाना प्रभारी करेली ने प्रतिवेदन जिला दण्डाधिकारी के न्यायालय में प्रस्तुत किया था। प्रकरण में इश्तगाशा के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट, जप्ती पत्रक, पंचनामा, ज्यूडिशियल रिमांड एवं जप्तशुदा गौवंश सौंपने की पावती की प्रतियां संलग्न की गई थी।
थाना प्रभारी के प्रतिवेदन में बताया गया था कि पुलिस को सूचना मिली थी कि ग्राम सिंगोटा से बिलौनी के बीच खड़े उक्त ट्रक की तलाशी में 31 गौवंश के मुंह एवं पैरों को निर्दयतापूर्वक रस्सी से बांधकर ठूंस- ठूंस कर भरा गया था, जिससे 3 गौवंश मृत पाये गये। जीवित 28 गौवंश को गौ सेवा सदन, साकेत धाम गौशाला दिल्हेरी थाना करेली को सौंपने की पावती संलग्न की गई और प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अनावेदक गुरमीर पिता जसवंत सिंह निवासी जौरासी कला, 32, बोधनी, कुरूक्षेत्र हरियाणा को कारण बताओ नोटिस जारी किया। वे न्यायालय में उपस्थित नहीं हुये। इस कारण उनके विरूद्ध एक पक्षीय कार्रवाई की गई।
उक्त वाहन में परिवहन अनुज्ञा पत्र प्राप्त किये बिना ही गौवंश का क्रूरता पूर्वक परिवहन किया जाना पाया गया। जिन परिस्थितियों में गौवंश का परिवहन किया जा रहा था, उससे स्पष्ट रूप से यह विश्वास योग्य था कि गौवंश का परिवहन वध के प्रयोजन के लिए किया जा रहा था। इन सभी तथ्यों पर एवं कानूनी प्रावधानों पर विचार करते हुए जिला दंडाधिकारी ने उक्त जप्तशुदा वाहन एवं गौवंश शासन के पक्ष में राजसात किये जाने का आदेश पारित किया।
इस संबंध में जिला दंडाधिकारी ने उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें को निर्देश दिये हैं कि जप्तशुदा गौवंश के स्वास्थ्य परीक्षण एवं रखरखाव की आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करें।
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