बनांचल ग्रामो में मनाया विश्व आदिवासी दिवस
शिक्षा ही आदिवासियों के विकास का मूल – मुकेश बसेड़िया
आज विश्व आदिवासी दिवस पर क्षेत्र के वरिष्ठ समाजसेवी मुकेश बसेड़िया ने दूरस्थ दुर्गम बनांचल ग्रामो बेरबन,पीपला, टोला में आदिवासी भाइयो के बीच जाकर आदिवासी दिवस मनाया सर्वप्रथम बेटियों के पद पखारकर कर उन्हें वस्त्र प्रदान कर आशीर्वाद लिया ।तदोपरांत बच्चों को वस्त्र,पठन ,लेखन सामग्री, काफी, पेन ,पेंसिल, पानी की बॉटल, स्लेट, कलम,कम्पास ,टॉफी आदि प्रदान कर शिक्षा को प्रोत्साहित किया ।
वृद्ध जनो को मच्छरदानी ,कपड़े ,महिलाओं को साड़ियां व पुरुषो को वस्त्र प्रदान किये एक आदिवासी भाई के मकान का छप्पर गिर गया था उसे तत्कालिक व्यवस्था के रूप में बड़ी पनी अन्य उपयोगी सामग्री प्रदान की ।
श्री बसेड़िया ने आज विश्व आदिवासी दिवस पर बनांचलवासियों को नशा मुक्ति के साथ साथ अपने बच्चो को शिक्षित करने की अपील की तथा मलेरिया, डेंगू , आदि वुखार के दुष्प्रभावों को समझाकर मच्छरों से बचने की सलाह दी और उन्हें मच्छर नष्ट करने के तरीके व बचाव बताए ।
उपरोक्त सेवा कार्य मे गौ सेवक ओमप्रकाश कीर व माध्यमिक शिक्षक राजेन्द्र गुप्ता का सराहनीय योगदान रहा उल्लेखनीय है कि मुकेश बसेड़िया विगत अनेक वर्षों से स्वयं के खर्चे पर दूरस्थ पहाड़ी बनांचल ग्रामो में बरसात के समय मच्छरदानी व सर्दियों में कंबल वितरण के साथ सतत बच्चों की शिक्षा के लिए सेवारत रहते है ।
बसेड़िया ने बताया कि विश्व आदिवासी दिवस मनाना जब सार्थक होगा जब इनको समाज की मुख्य धारा से जोडकर इनका समुचित व सर्वागीण विकास हो।