भोपाल। संभागायुक्त श्री कवीन्द्र कियावत ने कहा है कि आशा – आगनवाड़ी, एएनएम और सीएचओ को अपनी मूल पदस्थापना पर भेंजे और ग्रामीण अंचलों में बने उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में युक्तियुक्तकरण कर पदस्थ किया जाए ताकि ग्रामीणजनों को भी स्वास्थ्य सुविधा का भरपूर लाभ मिल सके। यह निर्देश श्री कियावत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संभाग के सभी सीएमएचओ, डीपीओ और ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को दिए। इस मौके पर संयुक्त संचालक स्वास्थ्य श्री मरावी तथा उप संचालक स्वास्थ्य डॉ. नीरा चौधरी मौजूद थी।
श्री कियावत ने सीएमएचओ, बीएमओ और महिला एवं बाल विकास के अधिकारियों को निर्देशित किया कि आशा-आगनवाड़ी कार्यकर्ताओं तथा एएनएम को मैदानी अमले में तैनात किया जाए। उन्हें अन्य अटैचमेंट जैसे कार्यों से मुक्त रखें जिससे वह व्यवहारिक गतिविधियों में संलग्न होकर ग्रामीणजनों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा सके। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण केन्द्र विकसित किए जाएं। उन्होंने उप-स्वास्थ्य केन्द्रों को आरोग्यम केन्द्रों में परिवर्तित करने के निर्देश दिए ताकि अधिक से अधिक ग्रामीणजनों का टीकाकरण सुनिश्चित कराया जा सके।
श्री कियावत ने संयुक्त संचालक स्वास्थ्य को भी निर्देश दिए कि सभी उप-स्वास्थ्य केन्द्रों पर एएनएम, आशा-आगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की पदस्थापना उनके मूल क्षेत्र में की जाए। उन्हें कहीं भी अटैच नहीं किया जाए और उन्हें अपने मूल पदस्थापना क्षेत्रों के उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में संलग्न कर स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार किया जाए। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उप-स्वास्थ्य केन्द्रों को सुसज्जित बनाने के लिए मौजूदा राशि का शत-प्रतिशत उपयोग करने के निर्देश भी दिए।
श्री कियावत ने कहा कि कोविड संक्रमण के दौरान ग्रामीण अंचलों में सकारात्मक वातावरण निर्माण के लिए आशा-आगनवाड़ी और एएनएम की अहम भूमिका होती है। जिलों में संचालित उप-स्वास्थ्य केन्द्रों पर सभी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की जिम्मेदारी है जिसे वे जनसेवा के कार्य में तत्पर रहते हुए आगे आकर निभायें। उन्होंने कहा कि उप-स्वास्थ्य केन्द्रों को इस प्रकार सुसज्जित किया जाए जिससे केन्द्रों पर पहुँचने वाले मरीज, गर्भवती महिलाएं और बच्चों को अनुकूल वातावरण मिले और लोगों में स्वास्थ्य सेवाओं की अवधारणा के प्रति विश्वास जागृत हो।
श्री कियावत ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए कि टीकाकरण को एक त्यौहार – एक उत्सव के रूप में मनाया जाए, इसके लिए जिलों में उप-स्वास्थ्य केन्द्रों को सुसज्जित सहित स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस कर तैयार किया जाए। 18 से 44 वर्ष के टीकाकरण स्लाट की बुकिंग शुरू की गई है। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रशंसा करते हुए आव्हान किया कि वे भी इस त्यौहार में शरीक होकर लोगों में उत्साहवर्धन का काम करें और लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि सभी एएनएम और आशा – आगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने – अपने मुख्यालय पर रहकर टीकाकरण गतिविधि को और बेहतर बनाएं। उन्होंने जिलों में औषधि भंडारण तथा कोविड संक्रमण के दौरान उपयोगी मेडिकल किट की पर्याप्त व्यवस्था बनाये रखने के निर्देश भी सीएमएचओ को दिए।
उप-स्वास्थ्य केन्द्रों को बेहतर बनाने के निर्देश
श्री कियावत ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और महिला एवं बाल विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिलों में बने उप-स्वास्थ्य केन्द्रों, ग्राम पंचायत भवनों को टीकाकरण के लिए उपयोग में लाया जाए और उन्हें बेहतर बनाया जाएं। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के दौरान संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य श्री मरावी ने बताया कि जिलेवार विभिन्न उप-स्वास्थ्य केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें भोपाल जिले में 55 उप-स्वास्थ्य केन्द्रों को टीकाकरण केन्द्र के रूप में विकसित किया गया है तथा 53 सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर्स) को पदस्थ किया गया है।
इसी प्रकार विदिशा जिले में 206 उप-स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं जिनमें 80 सीएचओ को उप-स्वास्थ्य केन्द्रों पर पदस्थ किया गया है। रायसेन जिले के 211 उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में से 111 उप-स्वास्थ्य केन्द्रों को आरोग्यम केन्द्र में परिवर्तित कर 95 सीएचओ पदस्थ किया जा चुका है। राजगढ़ जिले के 159 उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में से 117 पर सीएचओ पदस्थ किए गए है। जिला सीहोर के 162 उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में से 129 आरोग्यम केन्द्रों में परिवर्तित कर 98 सीएचओ को पदस्थ किया जा चुका है।