भोपाल जिला प्रशासन ने भोपाल के हस्त शिल्प को नई अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए राग- भोपाली के नाम से नए ब्रांड की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। कलेक्टर अविनाश लवानिया ने आज सम्बन्धित अधिकारियो की बैठक लेकर भोपाल के जरी, जरदोजी, और जूट से बने सामानों को नई पहचान दिलाने के लिए समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि भोपाल में जरी, जरदोजी और जूट के काम को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नया बाजार उपलब्ध कराने के लिए यह पहल की जा रही है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री के लोकल के लिए वोकल की अवधारणा के अनुरूप मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान हर जिले को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस तरह की मजबूत पहल करने के निर्देश दिए हैं। भोपाल के गौहर महल में 26 से 30 दिसम्बर तक राग – भोपाली के नाम से प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। जिसमे दिल्ली और मुंबई से एक्सपोर्टर को भी बुलाया जाएगा। इस प्रदर्शनी में भोपाल में जूट, जरी और जरदोजी के बनाए सामान का प्रदर्शन भी होगा और बनते हुए भी दिखाया जायेगा। श्री लवानिया ने बताया कि भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय ने भोपाल को जरी ,जरदोजी, के लिए कलस्टर बनाने का निर्णय लिया है। लोकल फॉर वोकल के लिए भोपाल की इस पहचान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने और नया बाजार उपलब्ध कराने की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। जिला पंचायत सीईओ विकास मिश्रा ने बताया कि गौहर महल में हस्त शिल्प विकास निगम और जिला प्रशासन के साझा प्रयासों से राग दरबारी के नाम से प्रदर्शनी और मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी और काम में भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय भी सहयोग कर रहा है। प्रदर्शनी में युवाओं और अन्य लोगो को जोड़ने के लिए अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे , भोपाल के मशहूर स्थानीय खाने की दुकानें भी मेले में लगेंगी जिसमे आने वाले पर्यटक भोपाल के खाने का लुफ़्त उठा सके। इस सम्बन्ध में अधिकारियो को सभी तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिये गए है।