भोपाल,सीईओ जिला एवं जनपद पंचायत एवं एसडीएम ग्रामों का नियमित भ्रमण और रात्रि विश्राम कर सभी व्यवस्थाओं का दुरूस्त करें। यह निर्देश संभागायुक्त श्री कवीन्द्र कियावत ने वीसी के माध्यम से संभाग के सभी जिलों के अधिकारियों को दिये। सभी जिलों के सीईओ जिला एवं जनपद पंचायत एवं एडीएम एवं एसडीएम वीसी से जुड़े हुए थे।“कोटवार संस्था को व्यवस्थित एवं सशक्त बनाएं” संभागायुक्त श्री कियावत ने निर्देश दिए कि कोटवार राजस्व विभाग का अहम हिस्सा है उसे व्यवस्थित एवं सशक्त बनाया जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोटवार अर्थहीन निस्तेज बना ढीले-ढाले बेहूदे हुलिया में घूमता-फिरता है। कोटवार को फिट यूनीफार्म, केप और विसिल के साथ सक्रिय सहभागी बनाया जाए। कोटवार राजस्व की बहुत महत्वपूर्ण एवं उपयोगी संस्था है यह ग्राम का सशक्त सूचना संचार एवं प्रचार-प्रसार तंत्र है। सभी कोटवारों को मुनादी के लिये अच्छा ड्रम उपलब्ध कराया जाए। विभाग द्वारा कोटवार उपलब्ध कराई गई साईकिल एवं सेवा भूमि का उपयुक्त उपयोग सुनिश्चित किया जाए। सभी वृद्ध एवं शारीरिक रूप से कमजोर, अक्षम कोटवारों को सेवामुक्त किया जाए। सभी कोटवार फिजीकली फिट हों ताकि काम पड़ने पर 10-20 किलोमीटर साईकिल चला सकें। सभी कोटवारों को स्मार्ट फोन चलाने की ट्रेनिंग दी जाए ताकि आपदा की स्थिति में वरिष्ठ अधिकारियों तक तत्काल सूचना पहुँचा सकें। सभी कोटवारों की सेवा भूमि को विवाद मुक्त बनाया जाए, कोटवारों के राजस्व प्रकरणों को प्राथमिकता के आधार पर निराकृत किया जाए, उनकी मनरेगा की राशि या मानदेय राशि का तुरंत भुगतान किया जाए। उन्होंने कहा कि कोटवार से काम कराइए उसका सम्मान करिए। कोटवारों की प्रतिमाह सर्किलवार बैठक लीजिए। कोटवार सूचना और सुरक्षा के लिये प्रत्येक ग्राम के लिये जरूरी और उपयोगी है।“पटवारी सोमवार और गुरूवार को मुख्यालय पर रहें उपस्थित” संभागायुक्त श्री कवीन्द्र कियावत ने निर्देश दिये कि प्रति सप्ताह सोमवार और गुरूवार को पटवारियों का मुख्यालय पर रहना सुनिश्चित करें। बाकी दिनों में पटवारी ग्रामों का भ्रमण कर राजस्व कार्य करेंगे तथा ग्रामों की सभी व्यवस्थाओं जैसे पेयजल, पीडीएस, स्कूल, आंगनवाड़ी अन्य सेवाओं की वस्तु स्थिति का प्रतिवेदन बनाकर तहसीलदार को नियमित रूप से प्रस्तुत करेंगे।“जिला, जनपद पंचायत सीईओ और एसडीएम ग्रामों का नियमित भ्रमण और रात्रि विश्राम करें” संभागायुक्त श्री कवीन्द्र कियावत ने निर्देश दिए कि जिला एवं जनपद पंचायत सीईओ तथा एसडीएम नियमित रूप से गांवों का भ्रमण और रात्रि विश्राम कर वहाँ की व्यवस्थाओं की वस्तु स्थिति को जानकर सभी व्यवस्थाओं का चुस्त-दुरूस्त करें। ग्रामों में पेयजल, बिजली, पीडीएस, मनरेगा, स्कूल, आंगनबाड़ी और राजस्व प्रकरणों की ग्रामीणों से जानकारी लें। ग्रामीणों को ग्राम पंचायत स्तर पर सुविधाएं कैसे मिल रही हैं, जानकारी प्राप्त कर कमी को पूरा करें। सभी ग्रामों में प्राथमिकता के आधार पर नल-जल या अन्य पेजयल सुविधाओं को व्यवस्थित करें। गामीण शुद्ध पेयजल से वंचित न रहें। श्री कियावत ने कहा कि ग्राम पंचायतों के भ्रमण से राजस्व प्रकरणों के निराकरण में मदद मिलेगी। सभी राजस्व कोर्ट लंबित प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण करें। ग्राम पंचायत में स्थित शासकीय संस्थाओं का अधिकतम उपयोग कराएं।“सभी शासकीय भवन हों सुव्यवस्थित” शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, आंगनवाड़ी केन्द्रों सहित सभी भवनों की एकरूप रंगाई पुताई कर सुव्यवस्थित करें। “हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को क्रियाशील बनाएं” संभागायुक्त श्री कवीन्द्र कियावत ने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को क्रियाशील बनाने एवं पदस्थ कर्मचारियों का मुख्यालय में रहना सुनिश्चित करें। सामान्य प्रसव यहीं कराना सुनिश्चित करें ताकि ग्रामीणों को बेवजह शहर न भागना पड़े। आरोग्यम पर ही छोटी मोटी सीजनल बीमारियों का इलाज कराना सुनिश्चित करें। संभाग में 100 से अधिक आरोग्यम का सूक्ष्म निरीक्षण कर स्थिति को बेहतर बनाने से ग्रामीणों की मुसीबत कम होगी और जिला अस्पतालों में ओपीडी एवं आईपीडी कम होंगी।“रिक्त और अन उपजाऊ भूमि पर गौशाला बनाएं” संभागायुक्त श्री कवीन्द्र कियावत ने निर्देश दिए कि गांवों की रिक्त और अनउपजाऊ भूमि पर गौशाला का निर्माण कराएं। इस तरह गौ-संपत्ति का संवर्धन होगा एवं गौधन संरक्षित होगा।
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