पीएम मोदी व राष्ट्रपति बाइडेन की पहली द्विपक्षीय बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा, अमेरिकी नेता बोले- भारत-यूएस संबंधों में जुड़ा नया अध्याय
अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा, ‘मैं काफी समय से यह मानता रहा हूं कि अमेरिका-भारत संबंध कई वैश्विक चुनौतियों का हल करने में हमारी सहायता कर सकते हैं। मैंने 2006 में भी यह कहा था कि भारत एवं अमेरिका विश्व के सबसे करीबी संबंधों वाले राष्ट्र होंगे।

अमेरिका मे राष्ट्रपति जो बाइडेन से मिले पीएम मोदी
वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक के तहत शुक्रवार को वाइट हाउस में जो बाइडेन से मुलाकात की और इस दौरान दोनों नेताओं ने कोविड-19 व जलवायु परिवर्तन और हिंद-प्रशांत सहित प्राथमिकता वाले कई मुद्दों पर चर्चा की। बाइडेन ने कहा कि विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्र भारत व अमेरिका के बीच संबंधों की नियति ही शक्तिशाली, मजबूत (बनना) और समीप आना है।
मोदी, 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से सातवीं बार अमेरिका की यात्रा कर रहे हैं।
बाइडेन के साथ शुक्रवार को हुई बैठक को ‘महत्वपूर्ण’ करार देते हुए मोदी ने कहा कि वे इस शताब्दी के तीसरे दशक में मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने बाइडेन से कहा, ‘यह दशक कैसा स्वरूप लेता है, इसमें निश्चित तौर पर आपका नेतृत्व महत्पूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत और अमेरिका के बीच और मजबूत मित्रता के लिए बीज बो दिए गए हैं।’ बाइडेन ने कहा कि विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्र भारत व अमेरिका के संबंधों की नियति ही ‘शक्तिशाली, मजबूत व समीप आना है।अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा, ‘मैं काफी समय से यह मानता रहा हूं कि अमेरिका-भारत संबंध कई वैश्विक चुनौतियों का हल करने में हमारी सहायता कर सकते हैं। मैंने 2006 में भी यह कहा था कि भारत एवं अमेरिका विश्व के सबसे करीबी संबंधों वाले राष्ट्र होंगे। उन्होंने कहा, आज हम अमेरिका-भारत संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ रहे हैं, साझा प्रतिबद्धताओं के साथ शुरुआत करते हुए हमारे समक्ष पेश कठिनतम चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। बाइडेन ने कहा कि वह और प्रधानमंत्री मोदी विश्व के समक्ष कोविड-19 महामारी एवं जलवायु परिर्वतन की समस्याओं से निबटने की दिशा में क्या प्रयास कर सकते हैं, इस पर चर्चा करेंगे। साथ ही वे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अपने भागीदारों के साथ विचार मंथन करेंगे।
भारत, अमेरिका व विश्व की कई अन्य शक्तियां हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त, खुला रखना सुनिश्चित करने के लिए बातचीत कर रही हैं। यह चर्चा चीन द्वारा इस क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधियों को बढ़ाए जाने की पृष्ठभुमि में हो रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ध्यान दिलाया कि अगले सप्ताह विश्व महात्मा गांधी का जन्म दिन मनाएगा। उन्होंने कहा कि विश्व को आज उनके अहिंसा, सम्मान और सहिष्णुता के संदेश की जितनी आवश्यता है, उतनी शायद पहले कभी नहीं थी। इस पर मोदी ने कहा, गांधीजी ट्रस्टीशिप की बात करते थे, जो हमारे ग्रह के लिए आने वाले समय में एक बहुत महत्वपूर्ण अवधारणा है। मोदी ने कहा कि भारत अमेरिका के संबंधों में व्यापार एक महत्वपूर्ण पक्ष है और इस क्षेत्र में बहुत कुछ किए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा, मैं इस बात से प्रसन्न हूं कि भारतवंशी अमेरिका की प्रगति में सक्रिय योगदान कर रहे हैं।