आत्म शुद्धि का विश्वकप श्रावण पूर्णिमा को जाने अनजाने में वर्ष भर के पापों के प्रायश्चित एवं उनके अशुभ फलों को नष्ट करने के लिए मनाया जाता है प्राचीन काल में इसी दिन से अध्ययन प्रारंभ करने की परंपरा थी श्रावण नक्षत्र से युक्त पूर्णिमा में नहाने से पित्र देव एवं प्रकृति को संतुष्टि एवं शांति प्राप्त होती है
आयोजन इस दौरान सभी लोग विशेष औषधियों पंचगव्य आदि से स्नान करते हैं और विशेष संकल्प के द्वारा अपने पापों का छह करते हैं साथ ही नए यज्ञोपवीत धारण करते हैं अपने कुल परंपरा के ऋषियों का पूजन हवन करते हैं
आचार्य देवव्रत पाराशर के अनुसार यह पर्व केवल ब्राह्मणों का नहीं अपितु प्रत्येक सनातनी यों को मनाना चाहिए
उपस्थित जन पंडित देवव्रत पाराशर सूरज शास्त्री राकेश शर्मा नेमा जी विश्वकर्मा जी हरिओम पाराशर आजाद पटेल आशीष पटेल अवनीश कौरव अभिषेक राजपूत आदि कई गणमान्य सनातनी उपस्थित थे