परमहंस गंगा आश्रम में आदि शंकराचार्य जी की जयंती पर आयोजित हुआ व्याख्यान कार्यक्रम
आदिशंकराचार्य जी का कृतत्व एवं भारतीय सनातन संस्कृति के मूल्य विषय पर मप्र जनअभियान परिषद नरसिंहपुर के तत्वावधान में विकासखंड गोटेगांव के परहमंसी गंगा अआश्रम के संस्कृत विद्यालय झौंतेश्वर के सभागार में व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में ब्रह्मचारी श्री अचलानंद जी व विधायक श्री महेन्द्र नागेश, कार्यक्रम की अध्यक्षता ज्योतिष पीठ पं. आचार्य श्री रविशंकर शास्त्री, मुख्य वक्ता पं. श्री राजकुमार शास्त्री, श्री कृष्ण कुमार द्विवेदी, श्री अरविंद मिश्रा, श्री ध्रुव द्विवेदी, सोहन तिवारी, समस्त स्टाफ एवं विद्यालय के छात्र विशेष रूप से मौजूद थे।
ब्रह्मचारी श्री अचलानंद जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जगत गुरू शुकराचार्य जी का चिंतन, विचार और उनके द्वारा प्रतिपादित आध्यात्मिक सिद्धांत न केवल भारतीय युवाअओं को बल्कि विश्व समुदाय के युवकों को समुचित मार्गदर्शन में सहायक सिद्ध होगा। आचार्य श्री रविशंकर शास्त्री ने कहा कि आदि गुरू शंकराचार्य जी के अनुसार राष्ट्र निर्माण एवं पारंपरिक जीवन मूल्यों के संरक्षण में प्रत्येक युग में युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। अज्ञान के अंधकार से हटाकर सम्पूर्ण मानवता को ज्ञान के प्रकाश से प्रकाशित किया, तभी दुनियां के लोग भारतीय संस्कृति, संस्कार, अध्यात्म, धर्म, ज्ञान-विज्ञान और यहां के जीवन- दर्शन को जानने- समझने और उसे आत्मसात करने के लिये प्राचीन काल से उत्सुक और लालायित हैं।
मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद श्री राजकुमार शास्त्री ने बताया कि भारत की सांस्कृतिक व सामाजिक एकता के लिये आदि शंकर ने भारत के उत्तर, दक्षिण, पूर्व व पश्चिम दिशाओं में चार केन्द्र “शंकर मठ” के रूप में उनकी स्थापना अध्यात्म, संस्कृति और समाज जागरण पूर्वक राष्ट्रीय एकात्मकता के प्रचार- प्रसार केंद्र के रूप में की है। इनमें सरस्वती, आश्रम और तीर्थ बोधक संन्यासी दण्डपाणि- दण्डधारक- दण्डी संन्यासी होते हैं। इन सभी दशनाम बोधक संन्यासियों को शास्त्र अध्ययन तथा शास्त्रानुशीलन के साथ- साथ आत्म संयम, आत्म चिंतन, इन्द्रिय संयम, पूर्वक सनातन धर्म के शाश्वत सिद्धांत एवं वेदों के प्रचार- प्रसार का “शंकर मठाम्नाय” (महानुशासनम्) में स्पष्ट निर्देश है।
कार्यक्रम की प्रस्तावना मप्र जनअभियान गोटेगांव के विकासखंड समन्वयक श्री प्रतीक दुबे ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन परामर्शदाता डॉ. आशीष ठाकुर एवं आभार परामर्शदाता श्री सोवरन सिंह पटेल ने व्यक्त किया। इस अवसर पर परामर्शदाता श्री महेश पटेल, श्री छत्रपाल सिंह पटेल, श्री विजय पटेल, नवांकुर संस्था प्रतिनिधि श्री सुनील विश्वकर्मा, श्री भूपेंद्र परिहार, श्री पंकज चौकसे, श्री अभिषेक पटेल, सीएमसीएलडीपी पाठ्यक्रम के विद्यार्थी, नवांकुर संस्थाओं के प्रतिनिधि, प्रस्फुटन समितियों के सदस्यों सहित अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।