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April 20, 2024
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सामाजिक

PM नरेंद्र मोदी आज 10 बजे राष्ट्र को करेंगे संबोधित

दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में जीत के मुहाने पर खड़े भारत ने महज 9 महीने में 100 करोड़ से अधिक टीकाकरण कर नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। टीकाकरण को लेकर इस उपलब्धि के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बात की सूचना दी है कि पीएम मोदी आज सुबह 10 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे। हालांकि, संबोधन का मुख्य विषय क्या होगा, इसकी जानकारी नहीं दी गई है। मगर माना जा रहा है कि वह कोरोना के खिलाफ जंग में देश को नया संदेश देंगे।दरअसल, उम्मीद की जा रही है कि भारत के 100 करोड़ टीकाकरण वाली उपलब्धि पर ही अपना संबोधन देंगे। माना जा रहा है कि कोरोना के खिलाफ भारत की अगली रणनीति क्या होगी, कैसे पूरी रह से कोरोना को हराना है, इन सब मसलों पर संदेश दे सकते हैं। बता दें कि भारत ने कोरोना के खिलाफ एक नया मील का पत्थर पार कर लिया है। देश में टीकाकरण का आंकड़ा रिकॉर्ड 100 करोड़ के पार पहुंच गया है और ऐसा करने वाला चीन के बाद दूसरा देश बन गया है भारत। गुरुवार की सुबह भारत कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण के मील के पत्थर पर पहुंच गया जब एक अरब लोगों को टीका लग चुका था। सरकार चाहती है कि इस साल भारत के सभी 94.4 करोड़ वयस्कों को टीका लगाया जाए। 100 करोड़ कोविड-19 टीकाकरण के लक्ष्य में पहली और दूसरी दोनों खुराकें शामिल हैं।


कब कितने टीके लगे

भारत में 16 जनवरी से कोविड वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई थी। देश ने 9 महीने में एक अरब कोविड-19 वैक्सीन की खुराक का आंकड़ा पार कर लिया। भारत ने 100 करोड़ टीके का अहम पड़ाव कुछ इस तरह से पाया -1 से 10 करोड़ डोज 85 दिन, 10 से 20 करोड़ डोज 45 दिन, 20 से 30 करोड़ डोज 29 दिन, 30 से 40 करोड़ डोज 24 दिन, 40 से 50 करोड़ डोज 20 दिन, 50 से 60 करोड़ डोज 19 दिन, 60 से 70 करोड़ डोज 13 दिन, 70 से 80 करोड़ डोज 12 दिन, 80 से 90 करोड़ डोज 13 दिन, 90 से 100 करोड़ 19 दिन। 

किस चरण में किसे टीका
पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को वैक्सीन की खुराक दी गई थी। इसके बाद वाले चरण में 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को वैक्सीन दी गई। 1 अप्रैल से देश में 45 साल के ऊपर वाले सभी लोगों को वैक्सीन दी जाने लगी। इसके बाद 1 मई से देश में 18 साल के ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन देने का ऐलान किया गया था। देश में शुरुआत में वैक्सीन के प्रति लोगों में हिचकिचहट भी देखने को मिली थी। जागरूकता की कमी के कारण लोग इसे लेने से पीछे हटते दिखे। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में लोगों में वैक्सीन को लेकर तरह तरह की भ्रांतियां फैली हुई थीं। उन भ्रांतियों को दूर कर लोगों को वैक्सीन लेने के लिए प्रेरित किया गया।

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