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April 23, 2024
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नरसिंहपुर जिले के मुख्य समाचार, कलेक्टर द्वारा सिमरिया व भैंसा का भ्रमण

नरसिंहपुर । कलेक्टर श्री रोहित सिंह जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ग्रामीण अंचल के भ्रमण पर बुधवार को पहुंचे। उन्होंने ग्राम पंचायत सिमरिया एवं भैंसा का भ्रमण किया। ग्रामीणों से चर्चा की और कृषकों के खेत में जाकर फसलों का मुआयना किया।

सिमरिया में कृषक से की चर्चा, केला उत्पादन के लिए किया प्रोत्साहित

          कलेक्टर श्री सिंह ने ग्राम पंचायत सिमरिया के कृषक श्री त्रिलोक शर्मा के खेतों में जाकर उनके द्वारा लगाई गई अमरूद, नीबू, हल्दी एवं गन्ने की फसल का मुआयना किया। कृषि विज्ञान केन्द्र वैज्ञानिक श्री शर्मा द्वारा बताया गया कि कृषक श्री त्रिलोक शर्मा विगत तीन वर्षों से अंतरवर्ती फसलें लगाकर लाभ प्राप्त कर रहे हैं। कृषक श्री त्रिलोक शर्मा ने बताया कि उन्होंने अपने खेतों में एक हजार पौधे अमरूद एवं 800 पौधे नीबू के लगाये हैं। नीबू उत्पादन होने पर उन्होंने इसे मनेरी की इंडस्ट्री में भेजा है। नीबू का लगभग 70 क्विंटल उत्पादन उन्होंने किया है। इसके अलावा खेतों से कच्ची हल्दी लगभग 30 से 40 क्विंटल प्राप्त की है। कलेक्टर श्री सिंह ने फसलों की सिंचाई के बारे में श्री शर्मा से जानकारी ली। उन्होंने ड्रिप इरीगेशन से सिंचाई करने के लिए प्रेरित किया।

          निरीक्षण के दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक श्री शर्मा ने पैशन फ्रूट (कौरव पांडव) के उत्पादन से भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि इसमें भरपूर पोषक तत्व पाये जाते हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है। कलेक्टर श्री सिंह ने श्री शर्मा को इसके पौधे किसानों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने केला फसल लेने के लिए प्रेरित किया।

भैंसा में फसलों का मुआयना

         ग्राम भैंसा में कृषक श्री आनंद मिश्रा के खेत में लगाई गई सब्जियों और अरहर की फसल को कलेक्टर ने देखा। श्री मिश्रा ने कलेक्टर श्री सिंह को बताया कि उन्होंने अपने खेतों में अरहर के साथ करीब साढ़े तीन एकड़ में शिमला मिर्च और टमाटर की फसल लगाई है। उन्होंने बताया कि टमाटर की साहो किस्म के रोपे करीब ढाई माह पहले लगाये थे। उनके द्वारा सिंचाई ड्रिप इरीगेशन से की जा रही है। बेहतर पैदावार के लिए उन्होंने मल्चिंग बिछवाई। शिमला मिर्च की फसल में कीट प्रकोप न हो, इसके लिए उन्होंने गेंदा के फूल भी लगाये हैं, ताकि कीट प्रबंधन अच्छे से हो सके। श्री मिश्रा ने बताया कि उन्होंने इसके लिए यूट्यूब के माध्यम से भी खेती की उन्नत तकनीक जानकर कृषि कार्य किया है। साथ ही उन्हें उद्यानिकी एवं कृषि विभाग द्वारा तकनीकी सलाह भी समय- समय पर दी गई है। कृषक ने बताया कि वे नरसिंहपुर की मंडी में शिमला मिर्च का विक्रय करते हैं। उन्हें इससे आमदनी हो रही है। फसलों में स्वसहायता समूहों द्वारा बनाये गये वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग किया है। कलेक्टर श्री सिंह ने उनके द्वारा किये जा रहे कृषि कार्यों की सराहना की और उन्हें केले की फसल का उत्पादन करने के लिए भी प्रेरित किया।

   इस दौरान उन्होंने खेतों में मौजूद अन्य कृषकों से भी चर्चा की। कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि विगत दिवस कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा ली गई बैठक में नरसिंहपुर जिले में 1500 हेक्टर में केला फसल एवं राइपनिंग चेम्बर हेतु कृषकों को अनुदान दिये जाने की स्वीकृति दी गई है। इसका कृषक अधिकाधिक लाभ लें।

ग्राम सिमरिया में स्कूली बच्चों से संवाद

         कलेक्टर श्री सिंह ने ग्राम पंचायत सिमरिया का भ्रमण किया। उन्होंने यहां कोविड वैक्सीनेशन का कार्य देखा। टीकाकरण कार्य में लगी टीम में शामिल एएनएम श्रीमती दीपा चौरसिया एवं आशा कार्यकर्ता प्रेमवती चढ़ार से चर्चा भी की। कलेक्टर ने शासकीय नवीन माध्यमिक शाला के विद्यार्थियों से उनकी पढ़ाई के बारे में पूछताछ की। उन्होंने शिक्षकों की उपस्थिति, गणवेश एवं पाठ्यपुस्तकों की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिये। बच्चों से उन्होंने समक्ष में कविता पाठ करवाया और बच्चों की इसके लिए प्रशंसा भी की। इसके पश्चात यहां कलेक्टर ने ग्रामवासियों से चर्चा कर उनकी समस्यायें जानी और अधिकारियों को निराकरण के लिए निर्देशित किया। कलेक्टर ने राशन, पीने के पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, साफ- सफाई, आवास, आयुष्मान कार्ड, बिजली आपूर्ति, योजनाओं के क्रियान्वयन आदि के बारे में जानकारी ली।

उड़ान कोचिंग पहुंचे कलेक्टर

प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए दी टिप्स

नरसिंहपुर ।  कलेक्टर श्री रोहित सिंह डाइट परिसर में संचालित नि:शुल्क उड़ान कोचिंग बुधवान की सुबह पहुंचे। उन्होंने विद्यार्थियों से संवाद किया और उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए महत्वपूर्ण टिप्स दिये। उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के बारे में चर्चा की। इसके अलावा लायब्रेरी का भी निरीक्षण किया। परिसर में संचालित कक्षाओं में जाकर उन्होंने कोचिंग देने वाले शिक्षकों का हौसला अफजाई किया। उन्होंने कहा कि कक्षाओं को स्मार्ट तकनीक से संचालित किया जाना बेहतर होगा, इसके लिए कक्षाओं में स्मार्ट बोर्ड, मासिक प्रतियोगी एवं समसामयिक विषयों से संबंधित पत्रिकायें उपलब्ध कराई जायें। शिक्षकों द्वारा बताया गया कि कक्षाओं में जिले के दूरस्थ क्षेत्रों से भी विद्यार्थी आते हैं, कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि इससे पता चलता है कि विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी एवं अपने कैरियर के बारे में गंभीर हैं। उन्हें प्रशासन की तरफ से हर संभव सहयोग दिया जायेगा।

68 ट्रेक्टर- ट्रालियों पर लगाये रिफ्लेक्टर

नरसिंहपुर ।  कलेक्टर श्री रोहित सिंह के निर्देशों के परिपालन में जिले में परिवहन विभाग की टीम द्वारा ट्रेक्टर- ट्रालियों में रिफ्लेक्टर लगाने का कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में बुधवार को टीम द्वारा नरसिंहपुर एवं करेली के मंडी परिसर में और खमतरा- नरसिंहपुर में एनएच 44 पर 68 ट्रेक्टर- ट्रालियों पर रिफ्लेक्टर लगाए गए।

29 अक्टूबर को रोजगार कार्यालय में प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन

नरसिंहपुर । आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के अंतर्गत जिला रोजगार कार्यालय नरसिंहपुर में 29 अक्टूबर को पूर्वान्ह 11 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन किया जायेगा, इसमें जबलपुर की प्रतिष्ठित कम्पनी द्वारा साक्षात्कार के बाद रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा। यह जानकारी जिला रोजगार अधिकारी नरसिंहपुर ने दी है।

         जिला रोजगार अधिकारी ने बताया कि इस दौरान जिले के 18 से 35 वर्ष तक की आयु वाले 10 वीं, 12 वीं, स्नातक, स्नातकोत्तर एवं आईटीआई उत्तीर्ण युवक- युवतियां साक्षात्कार के लिए जिला रोजगार कार्यालय में उपस्थित होकर रोजगार के अवसर का लाभ ले सकते हैं। बेरोजगार युवक- युवतियों को अपने साथ सभी मूल दस्तावेजों एवं पासपोर्ट फोटो को लाना होगा।

जिले में 5 हजार 605 लोगों को लगाया गया कोविड- 19 का टीका

नरसिंहपुर । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में चलाये जा रहे वैक्सीनेशन महाअभियान 4 के दौरान जिले में बुधवार 27 अक्टूबर को जिले के 116 टीकाकरण केन्द्रों पर 5 हजार 605 नागरिकों को कोविड- 19 का टीका सायं 7 बजे तक लगाया जा चुका था। जिले में अब तक वैक्सीन की 10 लाख 98 हजार 646 डोज लग चुकी हैं। इनमें से 8 लाख 2 हजार 420 लोगों को वैक्सीन की एक डोज और 2 लाख 96 हजार 44 को दो डोज लग चुकी हैं।

सिंहपुर में कलेक्टर द्वारा स्कूल का निरीक्षण

कक्षाओं में लगवाये जायें बड़े बोर्ड

नरसिंहपुर ।कलेक्टर रोहित सिंह ने सिंहपुर में शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थायें देखी और आवश्यक निर्देश दिये। कलेक्टर ने कक्षा में जाकर विद्यार्थियों से संवाद भी किया। कलेक्टर ने स्कूल में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगवाने के निर्देश सीएमएचओ दिये।

         कलेक्टर ने शिक्षकों की उपस्थिति एवं बच्चों की दर्ज संख्या की जानकारी ली। श्री सिंह ने कहा कि कक्षाओं का संचालन नियत समय पर हो। बच्चे प्रतिदिन स्कूल आयें। बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित किया जावे। कलेक्टर ने सिलेबस पूर्ण कर अच्छे से शिक्षा ग्रहण करने की समझाइश विद्यार्थियों को दी। कलेक्टर ने कहा कि कक्षा 10 वीं एवं 12 वीं बोर्ड परीक्षाओं में शतप्रतिशत परीक्षा परिणाम आना चाहिये। इसके लिए अच्छे से तैयारी करें। कलेक्टर ने स्कूल की कक्षाओं में बड़े बोर्ड लगवाने के निर्देश दिये, ताकि विद्यार्थियों को देखने में सहूलियत हो।

          इस मौके पर सीईओ जिला पंचायत डॉ. सौरभ संजय सोनवणे, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती जेएस विल्सन, तहसीलदार सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

यूरिया/ डीएपी के बदले वैकल्पिक उर्वरक के उपयोग से फसल उत्पादन बढ़ेगा व लागत घटेगी

नरसिंहपुर । कृषि विभाग नरसिंहपुर द्वारा बताया गया है कि एकीकृत/ समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन के अंतर्गत केचुआ, गोबर या कम्पोस्ट आदि कार्बनिक खाद, यूरिया, डीएपी आदि रासायनिक उर्वरक और राइजोबियम, पीएसबी, कल्चर आदि जैव उर्वरक के मिश्रित उपयोग से फसल के पौधों में संतुलित मात्रा में पोषक तत्व होते हैं। पौधों की समुचित वृद्धि, अधिकतम उत्पादन, स्वस्थ मृदा, मृदा की उर्वरता व उत्पादन क्षमता बनाये रखते हुए लम्बे समय तक टिकाउ उत्पादन प्राप्त करने के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्वों की मिट्टी में उपलब्धता आवश्यक है।

   वर्तमान में अधिकांश किसानों द्वारा केवल यूरिया एवं डीएपी उर्वरक का ही फसलों में उपयोग किया जा रहा है। ये उर्वरक केवल नाइट्रोजन, फास्फोरस, तत्व की ही आपूर्ति करते हैं। इन दो उर्वरकों के लगातार उपयोग से मिट्टी में पोटाश के साथ- साथ जिंक, आयरन, सल्फर एवं बोरान जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी आ गई है। पोटाश एक प्रमुख पोषक तत्व है, जिसका फसल के स्वास्थ्य एवं अनाज की गुणवत्ता से सीधा संबंध है। बहुत से काम्पलेक्स उर्वरक जैसें- 12:32:16, 10:26:26, 14: 35:14 आदि उपलब्ध हैं। इनमें नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश तीनों तत्व पायें जाते हैं। फसल बोते समय इन काम्पलेक्स उर्वरकों के उपयोग में भी आसानी रहती है। इसके स्थान पर यूरिया, डीएपी एवं पोटाश का अलग- अलग उपयोग करने में व्यवहारिक कठिनाई होती है।

   कृषि विभाग ने सलाह दी है कि किसानों को फसल बोते समय यूरिया, डीएपी की जगह उक्त काम्पलेक्स उर्वरकों का उपयोग भी करना चाहिए। इससे खेती की लागत घटेगी और उत्पादन बढ़ेगा।

   फसल में मुख्य पोषक तत्वों के अलावा सल्फर, मैग्नीशियम एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों के उपयोग से पौधों की वृद्धि, पुष्पन एवं फलन में बढ़ोत्तरी होती है। इन तत्वों की पूर्ति के लिए आवश्यक उर्वरकों का प्रयोग प्रत्येक फसल वर्ष में किया जाना चाहिए।

   जैव उर्वरक- चना, मसूर, सोयाबीन, तुअर, मूंग एवं उड़द आदि के लिए राइजोबियम कल्चर एक ली., पीएसबी कल्चर एक ली. एवं जैविक फफूंदीनाशक (उगरा रोग के लिए) ट्राइकोडर्मा एक ली. को 100 किग्रा गोबर खाद में मिलाकर भूमि उपचार करना चाहिये। गेहूं व धान के लिए एजोटोवेक्टर कल्चर एवं पीएसबी कल्चर की एक लीटर मात्रा का उपरोक्तानुसार प्रयोग किया जाना चाहिये। उपरोक्त विधि से स्यूडोमोनास फ्लोरसेन्स एवं वैम कल्चर से भी भूमि उपचार किया जा सकता है। दो टन प्रति एकड़ केंचुआ खाद या पांच टन प्रति एकड़ गोबर/ कम्पोस्ट खाद का प्रयोग कर रासायनिक उर्वरकों की मात्रा को 25 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।

   रासायनिक उर्वरकों के संतुलित और कार्बनिक एवं जैविक उर्वरकों के समन्वित उपयोग से कम लागत में अधिक उत्पादन लगातार प्राप्त किया जा सकता है।

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