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April 25, 2024
ADITI NEWS
शिक्षासामाजिक

मुंबई,नेल्सन मंडेला नोबेल शांति अवार्ड से पुरस्कृत श्वेता लमानिया डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित

मुंबई। छोटे-छोटे कदमों से धैर्य के साथ कछुआ गति से रास्ता तय किया जाए तो मंज़िल तक पहुंचने में देर अवश्य लगती लेकिन, जीत की गारंटी भी होती और यह स्थायी भी होती जबकि, खरगोश की तरह तेज चाल चलने से बीच राह में थक जाने की संभावना अधिक होती और उससे यही सबक हम ले सके यही सोचकर माता-पिता बचपन से अपने बच्चों को इस तरह की प्रेरक कहानियां सुनाया करते हैं । जिन्हें कुछ तो सुनकर भूल जाते पर, कुछ इस तरह आत्मसात कर लेते कि धीरे-धीरे अपने निर्धारित लक्ष्य की तरफ चलते चले जाते कभी निराश व हताश भी होते तो कभी घबराकर भाग जाना भी चाहते पर, भीतर से कहीं कोई आवाज आती कि कोशिश करने वालों की हार नहीं होती तो दुबारा उस अभियान में पूरी ताकत से जुट जाते हैं । कुछ इस तरह के हालातों के उतार-चढ़ाव का सामना मध्यपदेश के एक छोटे-से जिले नरसिंहपुर में जन्म लेने वाली श्वेता शर्मा लमानिया ने भी किया जिन्होंने छुटपन से अपनी एक अलग पहचान व नाम बनाने का सपना अपनी बड़ी-बड़ी आंखों में पाल रखा था तो शादी व एक बिटिया के जन्म के बाद भी वह लुप्त नहीं हुआ बल्कि, जीवन के हर मोड़ पर उत्साहित करता रहा तो जब-जब हालात अनुकूल लगे अपने पंखों को परवाज देने की कोशिशें यदा-कदा जारी रही जिन्होंने एक दिन इस तरह उड़ान भरी कि आसमान भी कम लगने लगा और नरसिंहपुर, भोपाल से जो उसकी ड्रीम फ्लाइट उड़ी तो उसने स्वप्न नगरी मुम्बई में जाकर ही लैंडिंग की और जुट गई अपने टारगेट को पाने जो कभी नजदीक तो कभी एकदम दूर नजर आता था । एक दिन मगर, हौंसलों ने ऐसी छलांग लगाई कि जिन शख्सियतों को कभी टीवी या अखबार में देखती थी उनके साथ एक मंच पर खड़े होकर ग्लोबल लेवल का नेल्सन मंडेला नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त कर रही थी अपने उन शांतिपूर्ण कार्यों के लिए जिनके बदले में यह सम्मान मिल रहा था । वाकई, सुनो तो फेयरी टेल जैसी एक अविश्वसनीय स्टोरी लगती मगर, गोआ मेरिएट रिसोर्ट में आयोजित एक भव्य समारोह में जब गोआ के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी जी, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री जनरल वी.के. सिंह, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश व मानवाधिकार, ऑक्सफोर्ड हायर एकेडमी के गवर्नर, संसद विश्व शांति के राजदूत डॉ मधुकृष्णन, बोस्निया के वाणिज्य दूतावास सुहागमंत्री द्वारा अंतरराष्ट्रीय टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस, पहलवान संग्राम सिंह, बॉलीवुड अभिनेत्री जरीनखान, राज्यसभा के सदस्य विनय तेन्दुलकर, व कर्नल शिवेन्द्र सिंह के साथ पृथक रूप से यह सम्मान दिया गया तो मानो बचपन में देखा सपना आज साकार हो गया था । जिसे हकीकत बनाने में अजय शाहा, गौरव भैया, चित्रेश लमानिया, एशले लमनिया और माता-पिता रामेश्वर प्रसाद शर्मा व रंजना शर्मा से मिली प्रेरणा का हाथ जिसके बिना यह संभव नहीं हो सकता था । श्वेता की इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर जन्मस्थान व ससुराल वाले सभी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे है । इस अवसर श्वेता के सभी परिजनों, मित्रों, व सखियों ने दिल से शुभकामनाऐ प्रेषित की।

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