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March 29, 2024
ADITI NEWS
धर्म

दमोह(हटा)पैसे के लिए पेशे को मत बिगाड लेना आर्यिका रत्‍न श्री आदित्‍यमति

आर्यिका रत्‍न श्री विज्ञानमति जी की नगर में हुई भव्‍य अगवानी दमोह( हटा)महरौनी उत्‍तरप्रदेश के विहार करते हुए आर्यिका रत्‍न विज्ञानमति माता जी का ससंघ ९ पिछी के साथ मंगलवार की सुबह नगर आगमन हुआ, आर्यिका संघ की मंगल अगवानी नगर की सकल जैन समाज के द्वारा रजपुरा तिराहा से की गई, गाजे बाजे झंडा आदि के साथ आर्यिका संघ को नगर के मुख्‍य मार्गो से होते हुए श्री पार्श्‍वनाथ दिगम्‍बर जैन बडा मंदिर पहुंचा।
मंदिर जी के द्वार पर आर्यिका संघ की मंगल अगवानी महिला मंडल, बालिका मंडल के द्वारा की, श्रीजी के दर्शन उपरांत आर्यिका रत्‍न के मंगल प्रवचन हुए, आर्यिका विज्ञानमति माता जी ने कहा कि व्रत धारण करना ही धर्म का मार्ग नहीं बल्कि व्रत धारण करने के उपरांत भी ऐसा न हो कि हमारी क्रियाएं धर्म मार्ग से हट जाए, आर्यिका श्री ने जैन धर्म में प्रतिमाधारण करने के नियमों को विस्‍तार से बताया।
वही आर्यिका आदित्‍यमति ने पिता पुत्र, मां बेटी के संबंधों का दृष्‍टांत बताते हुए कहा कि जब बेटी युवा अवस्‍था में प्रवेश करती है तो मां बेटी के संबंध सहेली के रूप में बदल जाना चाहिए। जब मां बेटी को सहेली मानकर बात करेगी तो बेटी संस्‍कारित होगी, अपनी हर बात मां से शेयर करेगी, वही बेटा जब युवा होता है तो उसे केवल पुत्र न समझे उसे दोस्‍त बनायें ताकि वह गलत मार्ग पर न भटक सके। आर्यिका श्री ने कहा कि हर पिता अपना परम्‍परागत धंधा पुत्र को प्रदान करने की सोचता है। व्‍यवसाय सदैव जियो और जीने दो के सिद्धांत पर आधारित होना चाहिए। याद रखना पैसे के लिए अपने पेशे को मत बिगाड लेना, पेशा बिगडता है तो विश्‍वास भी टूटता है।
प्रवचन के पूर्व आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चित्र का अनावरण नगर के चारों मंदिर के प्रतिनिधियों द्वारा किया गया, युवा मंडल ने दीप प्रज्‍जवलन किया वही महिला मंडल व बालिका मंडल के द्वारा आर्यिका श्री को शास्‍त्र भेंट किये गये, इस अवसर पर बडी संख्‍या में भक्‍तजन उपस्थित रहे।

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