हटा वासी सौभाग्यशाली है जिन्हे यहां साधुओ का सत्संग करने का सौभाग्य मिला रहा है।कुण्डलपुर आते जाते समय साधुओं के लिए यह उत्तम रास्ता है, यहां के भक्तजनों को भले ही कुछ समय के लिए साधु का संग मिल रहा है, जितना समय मिल रहा वह कम नहीं है, कहते है कि एक घडी आधी घडी, आधी की पुनि आधा, तुलसी संगत साधु की, काटे कोटि अपराध, साधुओं का संग व दर्शन अनंत पुण्य कर्म से मिलता है।यह बात श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन बडा मंदिर में मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने भक्तों को अपने मंगल आशीष देते हुए कही, उन्होने बताया कि हमारा वर्षायोग के पूर्व अगल हुआ था आज हटा में हम पुनः मिल गया। वही मुनिश्री प्रशांत सागर जी महाराज ने कहा कि पूजन मौन हो, मंदिर के अंदर घरेलू बातों का त्याग होना चाहिए, उन्होने कहा जानकारी मिली कि मुनि संघ पीछे आ रहा है तो रूक कर इंतजार किया अब दोनों संघ एक साथ कुण्डलपुर जी में मंगल प्रवेश करेगें। रविवार को जहां मुनिश्री प्रशांत सागर जी महाराज का ससंघ हटा में मंगल प्रवेश हुआ था वही मंगलवार को मुनिश्री विमल सागर जी महाराज का ससंघ नगर आगमन हुआ, मुनिसंघ वर्षायोग पूर्ण करके अविराम कुण्डलपुर की ओर बढ रहे है, जहां तापमान १० डिग्री से कम चल रहा, पांव में चुभे कांटे व पांव में पडे छाले गुरू से मिलन की ललक भी मुनिसंघ का रोक नहीं पा रही है। मुनि संघ की अगवानी रजपुरा तिराहा पर मुनि संघ व आर्यिका विज्ञानमति माता जी ने ससंघ की, वही सकल जैन समाज गाजे बाजे के साथ मुनि संघ को मंदिर जी लाये, जहां मुनिसंघ ने मंगल प्रवचन दिये एवं वही से आहारचर्या हुई, दोपहार में समायिक उपरांत मुनिसंघ का मंगल विहार कुण्डलपुर की ओर हो गया, बुधवार की सुबह मुनि संघ कुण्डलपुर में मंगल प्रवेश करेगा।