इंस्टाग्राम पर महिला के नाम से फर्जी आईडी बनाकर ठगी करने वाले पाँच आरोपियों को क्राइम ब्रांच इंदौर ने पकड़ा
इंदौर। पुलिस आयुक्त इंदौर श्री हरिनारायणचारी मिश्र ने जिले में सायबर फ्रॉड संबंधी अपराधों की पतारसी के लिये इंदौर पुलिस को निर्देशित किया है। निर्देशों के पालन में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त श्री राजेश हिंगणकर के द्वारा पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) श्री निमिष अग्रवाल एवं अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) श्री गुरू प्रसाद पाराशर को इंदौर शहर में ऑनलाइन ठगी संबंधी घटनाओं की पतारसी कर वारदातों पर अंकुश लगाने एवं ऐसे आरोपियों की धरपकड़ करने के लिये निर्देशित किया गया।
इसी तारतम्य में क्राईम ब्रांच की टीम को 8 जून को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि कुछ व्यक्ति न्यूड वीडियो कॉलिंग एवं न्यूड फोटो भेजने के लिए फर्जी इंस्टाग्राम प्रोफाइल चला रहे है। सूचना पर क्राईम ब्रांच की टीम ने कार्यवाही करते हुए आरोपी हिमांशु तिवारी पिता रमाकांत तिवारी निवासी– 348 सेक्टर बी स्कीम नंबर 136 इंदौर, प्रियंका विश्वकर्मा पिता पुष्पेश निवासी मेदांता हॉस्पिटल के पास विजयनगर इंदौर, अमर निराला पिता रमेश निवासी– 348 सेक्टर बी स्कीम नंबर 136 इंदौर, रोहन निराला पिता रमेश निवासी– 304 वार्ड नंबर 35 रिशालदार मस्जिद घोघर रीवा तथा सीताराम द्विवेदी पिता विश्वनाथ प्रसाद निवासी– 348 सेक्टर बी स्कीम नंबर 136 इंदौर को पकड़ा।
पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि महिला के नाम से आकर्षक फेक इंस्टाग्राम प्रोफाइल बनाकर लोगों को मैसेज करते थे एवं फेक आईडी को देखकर आकर्षित हुए व्यक्ति आरोपियों से संपर्क करते थे, उसके बाद उन्हें न्यूड वीडियो कॉलिंग, न्यूड फोटो आदि अनैतिक सुविधा प्रदान करने के नाम से साथी महिला आरोपी के द्वारा फर्जी वाइस नोट भेज कर विश्वास दिलाते थे। आरोपियों द्वारा संबंधित संपर्क में आए पीड़ित व्यक्ति को पैसे ऑनलाइन अपने पेटीएम अकाउंट में डलवाकर संबंधित पीड़ित व्यक्ति की इंस्टाग्राम आईडी को ब्लॉक कर ठगी करना स्वीकार किया है।
आरोपियों के द्वारा अभी तक कई फर्जी इंस्टाग्राम प्रोफाइल बनाकर न्यूड वीडियो कॉलिंग जैसे ऑफर्स के नाम पर अभी तक 30 से 35 लोगों के साथ ऑनलाइन धोखाधडी करना स्वीकारा है जिसकी जांच की का जा रही है। आरोपियों के कब्जे से वारदात को अंजाम देने वाले 6 मोबाइल फोन बरामद कर सभी आरोपियों के विरुद्ध थाना हीरानगर में आईटी एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही हैं।