कुंडलपुर में भगवान पारसनाथ का हुआ मस्तकाभिषेक,भक्ति भाव से निर्वाण लाडू चढ़ाया गया
कुंडलपुर (मध्य प्रदेश )सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर में जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान श्री पार्श्वनाथ स्वामी का निर्वाण महोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया ।इस अवसर पर देश के विभिन्न अंचलों से आए श्रद्धालु भक्तों ने पूज्य बड़े बाबा एवं भगवान पार्श्वनाथ जी के श्री चरणों में अत्यंत श्रद्धा भक्ति पूर्वक निर्वाण लाडू अर्पित किया। संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य पूज्य मुनि श्री निरंजन सागर जी महाराज जो कुंडलपुर में चातुर्मास कर रहे हैं सानिध्य प्राप्त हुआ। प्रातः मंगलाष्टक ,भक्तांमर महामंडल विधान के पश्चात पूज्य बड़े बाबा का अभिषेक ,शांतिधारा भगवान पारसनाथ का मस्तका भिषेक ,शांतिधारा ,पारसनाथ पूजन, कल्याण मंदिर विधान एवं निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। इस अवसर पर शांति धारा करने का सौभाग्य अशोक सराफ उपाध्यक्ष कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी ,प्रमोद सराफ परिवार पटेरा ,अभ्यांश अभिषेक पहाड़िया अजमेर, अरिहंत सोनाली जैन ललितपुर, दीप कमल अर्हम जैन बांदरी परिवार को प्राप्त हुआ ।सौधर्मेंद्र बनकर कलश करने का सौभाग्य अभिषेक पदम चंद जैन परिवार दमोह को मिला ।रिद्धि मंत्रों के साथ अभिषेक करने एवं निर्वाण लाडू चढ़ाने का सौभाग्य आशु जैन जबलपुर, डॉ पीके जैन प्रतीक जैन परिवार दमोह ,कोमल चंद प्रासुक,अनुभा जैन कुंडलपुर को प्राप्त हुआ ।छत्र चंवर आरती करने का सौभाग्य चौ. हेमचंद नितिन जैन दमोह ,अजय जैन बाराबंकी ,सुधीर राहुल रोहित जैन जबलपुर, राजेंद्र शुभम जैन शाजापुर ने पाया ।इस अवसर पर कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी उपाध्यक्ष अशोक सराफ, धार्मिक आयोजन मंत्री मनीष मलैया ,प्रचार मंत्री जयकुमार जैन जलज, स्थाई आमंत्रित समिति सदस्य आशीष रिंकू जैन हटा ,आदर्श जैन दमोह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तों की उपस्थिति रही।
तीर्थंकर पार्श्वनाथ ने साधना करते हुए श्रावण शुक्ल सप्तमी के दिन सम्मेद शिखर के पर्वत पर स्वर्ण भद्र कूट से मोक्ष प्राप्त किया। अगाध श्रद्धा से इसी दिन भगवान पार्श्वनाथ का निर्वाण लाडू जैन मंदिरों में चढांया जाता है ।तीर्थंकर पार्श्वनाथ क्षमा के प्रतीक हैं ।दसभव तक निरंतर धैर्य पूर्वक उपसर्गों को सहन किया ।भगवान पार्श्वनाथ चिंतामणि, विघ्नहर्ता, संकटमोचक आदि के रूप में इनकी खूब प्रसिद्धि है।