किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) संशोधित अधिनियम 2021 एवं दत्तक ग्रहण विनियम 2022 लागू होने के उपरांत दत्तक ग्रहण संबंधी सभी मामलों में 01 सितम्बर 2022 से निराकरण के अधिकार न्यायालय से जिला मजिस्ट्रेट को हस्तांतरित किये गये हैं। इन अधिनियमों के तहत देश में पहला आदेश इंदौर में जारी किया गया।
विगत 28 अक्टूबर को कलेक्टर श्री मनीष सिंह की अनुमति से अपर जिला मजिस्ट्रेट डॉ. अभय बेडेकर द्वारा संस्था सेवा भारती मातृछाया जिला इंदौर के दो बच्चों के संबंध में दत्तक ग्रहण आदेश जारी किये गये हैं। अपर जिला मजिस्ट्रेट डॉ. अभय बेडेकर द्वारा दो भावी दत्तक दम्पतियों श्री शांताराम मारुती सुर्वे एवं श्रीमती अरुणा शांताराम सुर्वे तथा श्री सोहन रॉय एवं श्रीमती मैत्रेयी रॉय से समक्ष में चर्चा उपरांत दत्तक ग्रहण आदेश जारी किये गये। महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी श्री रामनिवास बुधोलिया ने बताया कि उक्त दोनो आदेश देश के भीतर दत्तक ग्रहण के प्रथम आदेश है।
ज्ञात हो कि इस एक्ट के तहत परिवार या रिश्तेदार के बच्चों को भी गोद लिया जा सकता है। अनाथ बच्चों के चुनाव के लिये एक दम्पति को तीन बार मौका दिया जाता है।