राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघकीशनगढ़/स्वाधीनता का अमृत महोत्सव यह चिंतन और मनन करने का अवसर देता है कि स्वाधीनता आंदोलन केवल भौगोलिक स्वाधीनता और राजनैतिक सत्ता हस्तान्तरण के लिए नहीं अपितु भारत की सनातन पहचान को बचाए रखने के लिए था । भारतीय शाश्वत जीवन मूल्य, सर्वपन्थ, सद्भाव, जाति,क्षेत्र, भाषा, रीति रिवाज ,विविधताओं के वैशिष्ट्य की स्वीकार्यता पूर्वक सभी में एकता के सूत्रों की खोज जैसी सांस्कृतिक विशेषताएं सच्चे अर्थ में भारत का स्व हैं । इसी स्वत्व की चेतना से भारत सदैव मनुष्यता का पथ प्रदर्शक रहा है । भारत सनातन जीवित राष्ट्र है। भारत आध्यात्मिक लोकतन्त्र का सदियों से समर्थक रहा है। हमारे लिए राजनैतिक सत्ता से अधिक सबका भारत, सबके लिए भारत , जीवन मूल्यों के लिए समर्पित भारत का विचार ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसी स्वत्व का स्मरण नयी पीढ़ी को कराना स्वाधीनता का अमृत महोत्सव का व्यापक हेतु है। ये विचार आज अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अतिरिक्त महामन्त्री डॉ नारायण लाल गुप्ता ने व्यक्त किये ।
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