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March 28, 2024
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विभिन्न राज्यो में सतत एक माह कन्या, वृद्ध, दिव्यांग सेवा कर समाजसेवा की मिसाल बने बसेड़िया

विभिन्न राज्यो में सतत एक माह कन्या, वृद्ध, दिव्यांग सेवा कर समाजसेवा की मिसाल बने बसेड़िया

देश को महिषमर्दिनी अर्थात सशक्त बेटियो की आवश्यकता है – मुकेश बसेड़िया

गाडरवारा । नगर के वरिष्ठ समाजसेवी मुकेश बसेड़िया ने एक माह तक लगातार विभिन्न राज्यो में भ्रमण करते हुए कन्याओं , वृद्धजनों , दिव्यांगो ,निराश्रित जनो को वस्त्र, गर्म कपडे, कंबल,मोजे,टोपे, मच्छरदानी, बेटियो को वस्त्र, श्रृंगार के साथ साथ उनकी शिक्षा को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें पठन लेखन सामग्री प्रदान की। उन्होंने असम के गुवाहाटी कामाख्या धाम ,पश्चिम बंगाल न्यू जलपाईगुड़ी, विहार के कटिहार से लेकर खंडवा ,ओंकारेश्वर ,उत्तरप्रदेश के काशी, मिर्जापुर, प्रयागराज, मध्यप्रदेश के सलकनपुर धाम , दादाधाम साँईखेड़ा ,उज्जैन, नलखेड़ा, मालवा, देवास , मैहर , पुरैना रंधीर आदि के नव दिव्य शक्तिपीठ,उपपीठों व तीन ज्योतिर्लिंग में वृद्धजनों ,दिव्यांगों , निराश्रित जनो तथा बेटियो को सम्मानित किया । उन्होने बरमान के वृद्ध आश्रम में महिलाओं का सम्मान कर स्वेटर प्रदान किये ।

उपरोक्त सेवा माह में दिव्यांग सम्मान, वैदिक विप्र सम्मान, पौधारोपण के साथ दुर्गम बनांचल ग्रामो के पीपला, वेरवन, छीरई ,कुक्लोर, गङ्गडोर ,आफ़तगंज टोला,सांवरी ,भोबरी आदि में आदिवासी भाइयों, बच्चों ,महिलाओं , वृद्धजनों , को गर्म कपड़े ,कंबल ,वस्त्र पठनलेखन सामग्री प्रदान कर सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि मुकेश बसेड़िया ने जन्मोत्सव के अवसर पर युवा पीढी को एक माह सतत सेवा का संकल्प लेकर स्वयं के खर्चे पर अनवरत बिना रुकेबिना थके परमार्थ सेवा का संदेश दिया । उंन्होने सेवाकार्य के दौरान बेटियों को सम्मानित करते हुए कहा कि देश को महिषासुरमर्दिनी अर्थात सशक्त बेटियो की आवश्यकता है जो बेटियां की शिक्षा व प्रोत्साहन से संभव है ।। विदित हो कि 23 नवंबर को मां रेवा के ककराघाट में परहित व निष्काम सेवा का संकल्प लेकर खंडवा में निशान अर्पित कर सेवा का शुभारंभ कर सतत एक माह सेवा का समापन मां विजयासन धाम सलकनपुर में कन्याओं के पद पखारकर , उन्हें वस्त्र , शिक्षण सामग्री प्रदान , प्रसादी वितरण ,महाआरती के साथ शासकीय अस्पताल गाडरवारा में मानव सेवा संघ व रात्रि में रेल्वे स्टेशन में विशाल राम रोटी सेवा के तत्वावधान में मरीजो व असहाय लोगो को खिचड़ी, भोजन प्रसादी वितरण कर सेवा का संकल्प पूर्ण किया ।और संपूर्ण निष्काम सेवा को श्री दादाजी धूनिवालो के चरणों मे अर्पित किया। उपरोक्त सेवा कार्य मे परिवार जनो के साथ मां विजयासन इंस्टीट्यूट की बेटियां , स्टाफ़ , सतपाल राजपूत, धर्मेंद्र भार्गव, नितिन बसेड़िया, राघवेंद्र भार्गव, दीपक श्रीवास्तव, छोटू विश्वकर्मा, अभय बानगात्री , कपिल शर्मा, प्रिंन्स बसेड़िया, रामकुमार कौरव, तनुश्री बसेड़िया, राजेश मेहरा, शिवप्रसाद मेहरा, चंदन कुशवाहा ,आदि का योगदान रहा। श्री बसेड़िया ने जन्मोत्सव में माइक, माला ,मंच, व केक से दूर रहकर पाश्चात्य संस्कृति को छोड़कर वैदिक सनातन संस्कृति से जन्मोत्सव मनाकर युवाओं को संदेश दिया जो अनुकरणीय व सराहनीय है । उपरोक्त जन्मोत्सव सेवा माह की परमार्थ सेवा की चर्चा पूरे क्षेत्र में हो रही है। श्री बसेड़िया सदा से ही निराश्रित व गरीबो की मदद करने अग्रणी रहते है।

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