नव वर्ष पर दोहे
धूप रजाई ओढ़ कर,आया है नव वर्ष।
उपवन में महका मलय,मन मंगलमय हर्ष।
प्रीत पगे मन हर्ष में,महकी-महकी धूप।
नए वर्ष में सज रहे,प्राकृत रूप अनूप।
मलय पवन सब शांत है,बढ़ती शीत प्रचंड।
सूरज को मद्धिम करे,नए वर्ष की ठंड।
मंगलमय नव वर्ष हो,हर मन हो उत्साह।
हर हाथों में काम हो,पूरी हो हर चाह।
महकी-महकी हो फ़िज़ा,उपवन सा घरबार।
नया वर्ष उत्साहमय,शुभ मंगल हर द्वार।
उत्साहित मंगल मिलन,मधुरिम मलय किलोल।
नए वर्ष उत्कर्ष के,सारे पल अनमोल।
नए वर्ष की अनंत शुभकामनाएँ
पं.सुशील शर्मा द्वारा रचित,,