हिंदू नववर्ष पर पंचांग पूजन संपन्न
गाडरवारा। सत्य सनातन वैदिक हिंदू संस्कृति के दैनंदन कार्य व्यवहार, तीज त्यौहार, पर्व कालगणना आदि का आधार स्तंभ पंचांग है हिंदू नववर्ष पर पुराना पंचांग बदलकर आज नववर्ष के प्रथम दिवस चैत शुक्ल एकम विक्रम संवत् 2080 से नया पंचांग प्रारंभ करने के पूर्व सर्व ब्राह्मण महासभा के तत्वाधान में पं उमेश द्विवेदी पंडित नागेंद्र त्रिपाठी द्वारा विधिवत कलश स्थापना कर श्री गणेश पूजन के साथ श्री पंचांग पूजन संपन्न कर पंचांग का उपयोग प्रारंभ किया गया।
इस अवसर पर वेद ऋचाओं का पाठ कर पंचांग की आरती की गई श्री नर्मदाष्टक का पाठ किया गया और पंचांग में वर्णित वार्षिक राशिफल का वाचन कर विश्व और भारतवर्ष की राजनीतिक, आर्थिक सामाजिक स्थितियों के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया।
*इस अवसर पर हिंदू नव वर्ष पर बोलते हुए पंडित बसंत जोशी ने कहा कि भारतीय माहिने और भारतीय तिथियां हमें अपनत्व का बोध कराती हैं सावन बोलने पर हमें भगवान आशुतोष के जलाभिषेक, भगवान राधा कृष्ण के झूले व भाई-बहन के पवित्र बंधन ,रक्षा बंधन का बोध होता है जबकि अंग्रेजी माह अगस्त बोलने से ऐसा कोई बोध हमें नहीं होता हमारे दैनिक जीवन में कर्मकांड में भारतीय तिथियां महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं।
पंडित शांतनु जी ने कहा कि हमारी संस्कृति हमारी विरासत है हमारी कालगणना सबसे सटीक तथ्यपरक है जो प्रकृति के संचालन और ब्रह्मांड की रचना के साथ जुड़ी हुई है।
पंडित बालाराम शास्त्री ने कहा कि आज सृष्टि का उत्पत्ति दिवस है और ब्रह्मा जी द्वारा आज ही के दिन सृष्टि की रचना की गई थी भारतीय संस्कृति में आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है जो जगत जननी दुर्गा की उपासना से प्रारंभ होता है।
इस अवसर पर एक दूसरे को नववर्ष की बधाई देते हुए यथा योग्य अभिवादन किया गया ।प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ। आभार पंडित आदित्य शर्मा ने किया कार्यक्रम में पंडित राजेन्द्र तिनगुरिया, पंडित ओमप्रकाश दुबे ,पंडित राम कुमार शास्त्री ,पंडित सतीश नायक ,पंडित संदीप स्थापक, पंडित बृजेश अधरुज, पंडित सुरेंद्र द्विवेदी ,पंडित राजू ढिमोल पंडित राजेश दुबे पंडित अक्षय द्विवेदी आदि उपस्थित थे।