जल दिवस पर गंगा झिरिया में चला सफाई अभियान
बावडी की सफाई की एवं पेड पौधों को दिया संरक्षण
प्राकृति का कर्ज अदा करने सब आगे आये- स्वयंसेवी
विश्व जल दिवस पर विशेष
हटा दमोह।वास्तुशास्त्र के अनुसार जहां ईशान दिशा में जल का भंडार एवं देवी देवता का स्थान होता है वहां की यश कीर्ति सम्मान दूर दूर तक फैलता है, ऐसी भूमि को रत्नगर्भा भी माना जाता है, हटा नगर जो संत महात्माओं की तपस्थली मानी जाती है, यहां की पूरी भौगोलिक स्थिति वास्तु पर आधारित है, नगर के ईशान दिशा में जल का भंडार गंगा झिरिया, देवी देवताओ की तपस्थली, मां चण्डी का मंदिर भी इसी दिशा में है।
चैत्र नवरात्र एवं विश्व जल दिवस के अवसर पर नगर का प्राचीन जल स्त्रोत गंगा झिरिया में मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद की ब्लाक समन्वयक पुष्पा सिंह के मार्गदर्शन में सफाई अभियान चलाया गया, अभियान के पहले चरण में सूखी झाडियों को हटाया, पुरानी बावडी में फैली गंदगी को बाहर निकाला एवं मैदान की सफाई की गई, तीन घंटे चले सफाई अभियान में स्वयंसेवियों ने कार्य किया।
नगर प्रस्फुटन नवांकुर समिति के अध्यक्ष पुष्पेन्द्र मोनू पांडे ने बताया कि पूर्व में इस गंगा झिरिया का पानी दूर दूर से लोग आते थे, यह स्थल तपस्वी की भूमि मानी जाती है, मेंटर्स संजय ने कहा कि ऐसे स्थल तीर्थक्षेत्र के रूप में विकसित किया जाना चाहिए, ताकि लोग यहां आकर धर्म और ध्यान दोनों कर सकें, सुनील सेन ने कहा कि हर मंगलवार को यहां सफाई अभियान चलाया जाये, इस स्थल पर जनप्रतिनिधियों को भी ध्यान देना होगा, सोमनाथ विश्वकर्मा ने कहा कि नगर के यह नहीं भूलना चाहिए कि इस स्थान ने हजारों लोगों के कंठ को पानी से तर किया है, हम सब को मिलकर प्रकृति का कर्ज उतारने के लिए यहां श्रमदान करना होगा।
इस अवसर पर कृष्णकुमार लखेरा, रवि कोरी, कपिल अग्रवाल, माधुरी मौर्य, भज्जू पटेरिया, लक्ष्मन रजक, मुकेश पटैल, अंशुमान तिवारी सहित बडी संख्या में समाजसेवी उपस्थित रहे।

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