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March 29, 2024
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आयुर्वेद से उपचार के नाम पर 42 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को पुलिस ने राजस्थान से गिरफ्तार बुजुर्ग दंपत्ति को धोखा देकर हड़पी जीवनभर की कमाई, पुलिस ने वापस करवाई

 प्रदेश में अपराध व अपराधियों पर नियंत्रण के लिए पुलिस कर रही सख्त कार्रवाई फरियादी ने पुलिस कमिश्नर पहुंचकर की क्राइम ब्रांच की प्रशंसा,गैंग के अधिकारियों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम का सम्मान किया
अपराधियों पर नियंत्रण के लिए मध्य प्रदेश पुलिस लगातार और सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। हाल ही में भोपाल की क्रोमा ने आयुर्वेदिक उपचार के नाम पर 42 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गैट के 4 डाटासेट को राजस्थान से गिरफ्तार किया। उल्लेखनीय है कि क्राइम ब्रांच की टीम ने लगातार एक हफ्ते तक जमीन की नींव के आसपास घेराबंदी कर रखी थी। इस अवधि के दौरान पुलिस ने सतर्कता और तत्परता दिखाते हुए कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार को गिरफ्तार कर फरियादी को पूरी राशि वापस दिलवाकर उन्हें खुशियां लौटाई। पूरी राशि मिलने पर फरियादी ने पुलिस कमिश्नरेट पहुंचकर मध्य प्रदेश पुलिस का शुक्रिया अदा करते हुए उनके इस काम की मेहनत की।
पीड़ित को न्याय मिले, यही पुलिस का कार्य- आयुक्त श्री हरिनारायणचारी मिश्रण मंगलवार को पुलिस आयुक्त श्री हरिनारायणचारी मिश्र ने कहा कि आधुनिक समय में सायबर के क्षेत्र में सायबर तकनीक का उपयोग कर की जा रही धोखाधड़ी पुलिस के विशेष रूप से एक महत्वपूर्ण चुनौती है। पिछले दिनों 42 लाख रुपये की एक साबर धोखाधड़ी के मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है, जिसमें पुलिस ने एक बुजुर्ग दंपत्ति की लाइफभर की कमाई से कमाई वापस करवाई है। क्राइम सहित पूरी पुलिस टीम ने पूरे मनोयोग से अपराधियों के धरपकड़ करने का काम किया। आयुक्त श्री मिश्र ने कहा कि लगभग 20 दिनों तक मप्र पुलिस की टीम राजस्थान में रही। अलग-अलग ठिकानों पर पहुंचकर उनकी पहचान की और गिरोह के सदस्यों को पकड़ा गया। पुलिस की पूरी टीम को 30 हजार रुपये की राशि से सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पीड़ितों को न्याय दिलाना ही पुलिस का काम है।
मप्र पुलिस का मैं जीवन भर कर्जी :- फरियादी श्री विरमि
पूरी राशि वापस मिलने पर फरियादी श्री राकेश मोहन विरमानी का कहना है कि उनके लिए यह एक सपने के पूरा होने जैसी स्थिति है। उन्होंने कहा कि क्रोमा की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। वे लगभग निराशा की गर्त में डूब गए थे, क्योंकि जितनी भी राशि थी, वह अपनी भविष्य निधि और ग्रेच्युटी की थी और उसी मासिक व्याज से उनका घर चलता था। उन्हाएंने ने कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस का मैं जीवन भर कर्जदार रहूंगा क्योंकि यही राशि मुझे बढ़ती उम्र में काम आएगी। उन्होंने डीजीपी श्री सुधीर सक्सेना, आयुक्त श्री हरिनारायणचारी मिश्रण और मध्य प्रदेश पुलिस की टीम के सभी लोगों का आनंद लिया, जो इस कार्रवाई में शामिल हुए।
इस तरह फरियादी को जाल में फंसाया :-
इस संबंध में फरियादी राकेश मोहन विरमान निवासी बावड़िया कलां, थाना शाहपुरा, भोपाल ने लिखित शिकायत में बताया है कि उनकी पत्नी को डीप वैथ्रोम्बोसिस नाम की बीमारी है, जिसमें पैरों में दर्द होता है व सूजन रहती है। उनके कई जगह इलाज का दस्तावेजीकरण किया गया, लेकिन आराम नहीं मिला। दिनांक 4 फरवरी 2023 को जब वे अपनी पत्नी के साथ एमपी नगर में आए थे, तब उनकी पत्नी बीमारी के कारण ठीक से चल नहीं पा रही थी, तब वहां एक युवक ने पूछा कि आप इस तरह क्यों चल रहे हैं, तब उन्होंने ब्रेक लिया को पत्नी की बीमारी के बारे में बताया। तब युवक ने बताया कि उसकी पत्नी का उपचार मुंबई के पटेल डॉक्टर से करवाएं। युवक ने उन्हें डॉ.पटेल का मोबाइल नंबर देते हुए कहा कि डॉक्टर अभी भोपाल में ही हैं। उस युवक ने अपना नाम राजीव बताया।
6 फरवरी से शुरू किया गया रुपये की निकासी
कॉल करने पर डॉ. पटेल 6 फरवरी को अपने सहयोगियों के साथ मेरे घर आए। समस्या के कारण डॉ.पटेल ने पत्नी के बांये घुटने पर चाकू से वार किया और कुप्पीनुमा वस्तु से कटवाली जगह से कुछ समय मुंह से खींचा। उन्होंने सफेद-पीले रंग के पदार्थ दिखाए और कहा कि यह जहरीला पदार्थ है, जिसके कारण रक्त की आपूर्ति नहीं हो रही है और पैरों में सूजन आ जाती है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया बहुत खतरनाक है और इस प्रक्रिया को करने के लिए वे प्रति सक्रियता 6000 रुपये चार्ज करेंगे।
354 बार थैरेपी का धोखा दिया
स्वीकृति के बाद डॉ.पटेल ने 152 बार और बाद में 202 बार यह प्रक्रिया अपनाई। इस प्रकार 354 बार थैरेपी कर उन्होंने उन्हें 21, 54,000 रुपये सब्सक्राइब के रूप में। इसके बाद उन्होंने तेल और दवाई आदि के लिए समय-समय पर मिठ-थोड़े कर लगभग 21 लाख रुपये और मांगे। 23 फरवरी को डाॅ.पटेल का कॉल आया कि वे 27 फरवरी को भोपाल नहीं आएंगे, लेकिन वे जल्द ही भोपाल आकर पूरे पैसे वापस कर देंगे। इसके बाद से ही डाॅ. पटेल, राजीव और उनकी कंपनी संजीवनी आयुर्वेदिक का फोन स्विच ऑफ होने पर फरियादी ने पुलिस से इसकी शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि डॉ. पटेल ने अपने साथियों के साथ मुझसे कुल 42 लाख 73 हजार रुपये की ठगी की है।  और दवाई आदि के लिए समय-समय पर में थोड़े-थोड़े कर लगभग 21 लाख रुपये और मांगे। 23 फरवरी को डाॅ.पटेल का कॉल आया कि वे 27 फरवरी को भोपाल नहीं आएंगे, लेकिन वे जल्द ही भोपाल आकर पूरे पैसे वापस कर देंगे। इसके बाद से ही डाॅ. पटेल, राजीव और उनकी कंपनी संजीवनी आयुर्वेदिक का फोन स्विच ऑफ होने पर फरियादी ने पुलिस से इसकी शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि डॉ. पटेल ने अपने साथियों के साथ मुझसे कुल 42 लाख 73 हजार रुपये की ठगी की है।

जोधपुर इलाके से धर् दबोचा :-

प्रार्थी राकेश मोहन विरमानी की रिपोर्ट पर पुलिस ने धारा 420 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस आयुक्त श्री हरिनारायणचारी मिश्र व अतिरिक्त पुलिस आयुक्त श्री अनुराग शर्मा के मार्गदर्शन में पुलिस उपायुक्त श्रुतकीर्ति सोमवंशी, अति.पुलिस उपायुक्त अपराध श्री शैलेन्द्र सिंह चौहान, सहायक पुलिस आयुक्त श्री शिवपाल सिंह कुशवाह के नेतृत्व में क्राइम के थाना प्रमाण अनूप कुमार उईके, टीम के साथ राजस्थान के जोधपुर पहुंचे। पुलिस खाता धारक दशक विशाल पिता मेघदान को पकड़ने के लिए जोधपुर जिले के झंवर थाना के अंतर्गत नावास पहुंचता है। विशाल के ना मिलने पर अन्य खाताधारक जिलाधिकारी जिले में आमरसर थाना क्षेत्र के निवासी सावरलाल जाट हनुमान पिता सहाय (27 वर्ष) की तलाश में जुट गए। पुलिस ने उसे जयपुर के ब्लू सिटी मॉल के सामने पकड़ा। पुलिस घटना से घटनाओं के संबंध में पूछताछ करने पर उसने अन्य दखल के साथ जुर्म स्वीकार किया।

गिरफ्तार किए गए दस के निशानदेही पर अन्य को पकड़ा गया:

विवेचना के दौरान गिरफ्तार घटना के निशानदेही पर क्राइम भौगोलिक के 10 सदस्यीय टीम कोटा रवाना हो गए, जहां टीम ने एक सप्ताह तक रुककर चयनित के संबंध में गोपनीय रूप से पहचान की। इस दौरान पुलिस की टीम ने गैंग के तीन और सदस्यों मोहम्मद इमरान पिता मोहम्मद जमीर उम्र 32 साल निवासी सागोद, कोटा और अंता, कोटा निवासी मो. जावेद पिता ईशाक उम्र 47 साल और खलील पिता अब्दुल जब्बार उम्र 36 साल को गिरफ्तार किया गया, जिन्हें पुलिस रिमांड पर लेकर विस्तृत पूछताछ कर रही है। 

इस तरह देते हैं सदृश्य को अंजाम :-

निगरानी ने पूछताछ में बताया कि उनके गिरोह में 7-8 लोग हैं, जो बोकल के सूखेसेवनिया आउटर एरिया में झोपड़ी में रहते थे। मो.इमरान, मो.जावेद और खलील होटल और रेस्त्रां के आसपास घूमने वाले लोग हैं और ऐसे बुजुर्ग जिनको चलने में परेशानी होती है, उन्हें आकर्षित करते हैं। बाद में मोशेरू डॉक्टर बनकर इलाज के नाम पर पीड़ित को अपना झांसे में ले लेता है और उसे एक रूप देना शुरू कर देता है। जो भी रुपये आते हैं, वे जोधपुर के सावरसिंह के फायदों में स्थान करवाए जाते हैं। रुपए ही आते हैं आप सभी में हिस्सेदार लेते हैं और तुरंत अलग-अलग जगहों से निकाल लेते हैं।

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