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April 25, 2024
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श्योपुर,किसानो की सुविधा के लिए टेक्निकल विंग बनाई जावेगी-कलेक्टर

श्योपुर। कलेक्टर श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा है कि राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप आत्मनिर्भर मप्र की दिशा में किसानो की खेती को फायदे का धंधा बनाने की दिशा में निरंतर कदम उठाये जा रहे है। जिसके अंतर्गत गेरी डबलपमेंट बोर्ड नई दिल्ली द्वारा कराहल के गोरस में दूध का प्लांट गौपालको की सुविधा के लिए मंजूर हो गया है। इस प्लांट के लिए भूमि उपलब्ध करा दी गई है। किसानो की सुविधा के लिए टेक्निकल विंग बनाई जावेगी। यह विंग किसानों को उन्नत खेती की सलाह देगी। वे आज कलेक्टर कार्यालय श्योपुर के सभागार में कृषि विभाग के माध्यम से रबी फसलों के उत्पादन पर आधारित किसानों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
    बैठक में जिला पंचायत के सीईओ श्री राजेश शुक्ल, किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष श्री महावीर मीणा, जिला महामंत्री श्री बिहारी सिंह सोलंकी,  उपसंचालक कृषि श्री पी गुजरे, महाप्रबंधक उद्योग श्री एसआर चौबे, सहायक संचालक उद्यानिकी श्री पंकज शर्मा, कृषि श्री सलाहकार श्री नरेन्द्र सिंह, अन्य विभागीय अधिकारी, विभिन्न किसान संगठनो के पदाधिकारी एवं उद्योगपति उपस्थित थे।
    कलेक्टर श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव ने बैठक में कहा कि किसान अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण करावे। जिसके अनुसार उन्नत किस्म की फसल बोनी कर अधिक उत्पादन लेने में सहायक बन सकते है। उन्होने कहा कि एटू मिल्क के अतंर्गत श्योपुर जिले के कराहल-गोरस क्षेत्र में दूध देने वाले पशु जैसे गिर गाय करीबन 01 लाख से अधिक पाई जाती है। साथ ही मूर्रा भैस की संख्या भी अधिक है। जिसके कारण 32000 लीटर दूध प्राप्त होता है। एटू दूध पोष्टिक एवं गुणवत्ता युक्त पूर्ण होने के कारण जिसका बाजार मूल्य अन्य मूल्य की अपेक्षा दो गुना होता है।
     कलेक्टर ने कहा कि आजीविका मिशन श्योपुर के माध्यम से एटू मिल्क एटीएम शीघ्र लगाने की कार्यवाही प्रचलित है। उन्होने कहा कि रबी वर्ष 2020-21 के अतंर्गत सरसो का बोया गया रकबा 30.598 हजार हेक्टेयर है। जिसमें अनुमानित उत्पादन 48.40 हजार टन एवं अनुमानित उत्पादकता 1600 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है। जिले में किसानो द्वारा सरसों मुख्यतः वीरपुर, विजयपुर, ढोढर क्षेत्र में बोई जाती है। जिसमें सरसो की मुख्य किस्म पूसा बोल्ड, आरबीएम-2, पायेनीर 45.5-46 फसल, क्रांति, राजश्री आदि का उत्पादन किया जाता है। सरसो में औसत तेल की मात्रा 35-’40 प्रतिशत पाई जाती है।
    जिला पंचायत के सीईओ श्री राजेश शुक्ल ने बैठक में बताया कि आत्मनिर्भर मप्र के अतंर्गत किसान अपनी खेती को फायदे का धंधा बनाने की दिशा में प्रयास करते हुए अधिक उत्पादन देने वाली फसलो की बोनी की जावे। साथ ही उचित मार्केट में फसलों को बेचकर आर्थिक तरक्की का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है। उन्होने कहा कि गोरस में अधिक गिर गाय पाये जाने से उनके दूध की मार्केटिग की व्यवस्था के लिए प्लांट लगाया जा रहा है। साथ ही एटीएम के माध्यम से दूध को बेचने की सुविधा प्रदान की जा रही है। इस सुविधा से किसान अपनी गाय-भैस का दूध का उचित दर पर बेचकर अधिक मूल्य लेने मे सहायक बन सकते है।
    बैठक में किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष श्री महावीर मीणा, जिला महामंत्री श्री बिहारी सिंह सोलंकी एवं अन्य किसानों ने रबी फसलो के अंतर्गत बोई गई फसलो से अवगत कराया। साथ ही बैठक में नर्सर के माध्यम से अमरूद फसल की अच्छी वैरायटी के अमरूदों का अवलोकन कराया। उन्होने मिट्टी परीक्षण की सुविधा एवं उन्नत किस्म की फसले बोने के बारे में उपयोगी सुझाव दिये।
    इसी प्रकार उपसंचालक कृषि श्री पी गुजरे ने प्रजेटेंशन के माध्यम से किसानो की बोई गई फसलो से अवगत कराया। साथ ही सहायक संचालक उद्यानिकी श्री पंकज शर्मा ने उद्यानिकी खेती की पैदावार की जानकारी दी। इसके अलावा महाप्रबंधक उद्योग श्री एसआर चौबे ने पुलिस लाईन के पास उद्योग लगाने के लिए राजस्व विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराई गई भूमि से अवगत कराया। साथ ही उद्योगपतियों को उद्योग लगाने के लिए प्ररेणा दी।     

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