नरसिंहपुर,जिले में दस्तक अभियान का शुभारंभ सोमवार 19 जुलाई को किया गया। दस्तक अभियान 18 अगस्त तक चलाया जायेगा। दस्तक अभियान के दौरान जन्म से पांच वर्ष तक के बच्चों का घर- घर जाकर नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण, जांच और उपचार शुरू किया गया है। सघन दस्त रोग नियंत्रण पखवाड़ा- आईडीसीएफ का आयोजन भी दस्तक अभियान के साथ किया जायेगा। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए आशा कार्यकर्ता, एएनएम एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से सम्पर्क किया जा सकता है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुकेश कुमार जैन ने करपगांव गांव में 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन- ए की खुराक पिलाकर अभियान की शुरूआत की। यहां सघन दस्त रोग पखवाड़े के अंतर्गत ओआरएस घोल बनाकर उसके उपयोग की विधि बताई गई और हाथों को सही ढंग से धोने के बारे में बताया गया। नरसिंहपुर के शास्त्री वार्ड एवं बेलापुरकर वार्ड में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. एआर मरावी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संजय तुरकर, जिला कम्युनिटी मोबिलाइजर श्री मुकेश रघुवंशी ने दस्तक अभियान और सघन दस्त रोग पखवाड़ा की शुरूआत की।
दस्तक अभियान में एएनएम, आशा कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर- घर जाकर बीमार बच्चों की पहचान करेंगी। अभियान के दौरान 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में जटिलतायुक्त गंभीर कुपोषण की पहचान की जायेगी। जटिलतायुक्त गंभीर कुपोषित बच्चों को पास के एनआरसी में भर्ती कराकर पूरा इलाज नि:शुल्क किया जायेगा। 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन- ए का घोल पिलाया जायेगा। जन्म से 6 वर्ष तक के बच्चों में जन्मजात विकृतियों की पहचान और आवश्यकतानुसार इलाज का प्रबंध किया जायेगा। 5 वर्ष तक के बीमार बच्चों की पहचान एवं नि:शुल्क उपचार होगा। गर्भवती महिलाओं एवं माताओं की स्तनपान संबंधी भ्रांतियों का निराकरण और उन्हें स्तनपान के महत्व की जानकारी दी जायेगी। 6 माह से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों की हीमोग्लोबिन की जांच की जायेगी। गंभीर एनीमिया से पीड़ित बच्चों के नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था की जायेगी। निमोनिया से पीड़ित बच्चों में खतरे के लक्षणों की पहचान और नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था की जायेगी। दस्त रोग नियंत्रण हेतु ओआरएस पैकेट दिये जायेंगे एवं उसके उपयोग की विधि समझाई जायेगी। दस्त रोग से पीड़ित बच्चों में गंभीर निर्जलीकरण की पहचान कर नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था की जायेगी। एसएनसीयू/ एनआरसी से छुट्टी प्राप्त बच्चों की जांच तथा फालोअप किया जायेगा। आंशिक रूप से टीकाकृत बच्चों या टीकाकरण से छूटे हुये बच्चों का टीकाकरण किया जायेगा।