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April 25, 2024
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सामाजिक

दिल्ली, आजादी का अमृत महोत्सव’ में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा फूड प्रोसेसिंग सप्ताह का आयोजन

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री पशुपति कुमार पारस एवं राज्य मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल द्वारा असम, गुजरात और कर्नाटक में 5 खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाओं का शुभांरभ

दिल्ली। देश की आज़ादी के 75 वर्षों के उपलक्ष्य में भारत सरकार द्वारा मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ की एक कड़ी के रूप में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा 6 सितंबर 2021 से 12 सितंबर 2021 तक फूड प्रोसेसिंग सप्ताह मनाया जा रहा है, जिसके तहत मंत्रालय द्वारा कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

इसी कड़ी में मंगलवार को मंत्रालय द्वारा पीएमएफएमई योजना की लाभार्थी एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में अपनी अलग पहचान कायम करने वाली ‘श्रीमती रंजू गर्ग और उनकी प्रसंस्करण इकाई हनीफ्लो ऑर्गेनिक्स’ की सफलताओं की कहानी को ‘आत्मनिर्भर उद्यम की कहानी’ श्रृंखला में मंत्रालय की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया।

पीएमएफएमई योजना के तहत मंत्रालय एवं कृषि विभाग (लक्षद्वीप) द्वारा ‘एक ज़िला, एक उत्पाद’ पर आधारित वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में  छत्तीसगढ़ राज्य में स्वयं सहायता समूहों के 311 सदस्यों को पीएमएफएमई योजना के तहत सीड कैपिटल के रूप में 1.06 करोड़ रूपयों की सहायता राशि एसआरएलएम की 12 जिला परियोजना प्रबंधन इकाई (डीपीएमयू) को हस्तांतरित की गई है।  

खाद्य प्रंसस्करण के क्षेत्र में मंगलवार का दिन ऐतिहासिक रहा जब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री पशुपति कुमार पारस एवं राज्य मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल द्वारा असम, गुजरात और कर्नाटक राज्य में पांच खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाओं का शुभांरभ किया गया।

इन पांचों परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 124.44 करोड़ रूपए है और मंत्रालय द्वारा इन परियोजनाओं को 28.02 करोड़ रूपयों का अनुदान दिया गया है। इसके साथ ही इन सभी परियोजनाओं द्वारा प्रत्यक्ष रूप से लगभग 270 और अप्रत्यक्ष रूप से 550 लोगों को रोजगार मिलेगा व 7700 किसान इससे लाभांवित होंगे।

अपने संबोधन में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना की शुरुआत खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुये वर्ष 2016-17 में की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देशय खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों के क्लस्टर आधारित विकास को बढ़ावा देना है। इसे एक व्यापक पैकेज के रूप में भी देखा जा सकता है जिसके परिणामस्वरूप खेत से खुदरा दुकानों तक कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक अवसंरचना का निर्माण होगा।

उन्होंने कहा कि यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। कृषि उत्पादों के लिए बेहतर आय प्रदान करने और रोजगार सृजित करने के लिए सरकार का खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को प्रोत्साहित करने पर पूरा ज़ोर है। मंत्रालय की प्रतिबद्धता आगे बढ़ते हुये, आज पाँच परियोजनाओं का शुभारंभ हुआ है जिनके निर्माण में मंत्रालय की अहम भूमिका रही है।

सभी प्रमोटर्स को बधाई देते हुए राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि आप लोगों की सफलताएं अन्य लोगों को प्ररेणा और संदेश देंगी। उन्होंने कहा अगर कोई चीज़ खराब न हो, अधिक उत्पादित हो गई है और उसे बचाने का काम किया जा रहा है, तो वह काम किसी व्यक्ति को या उद्योग को बचाने का काम नहीं है बल्कि यह देश के लिए लाभकारी है। यदि किसान को वहीं स्थानीय उत्पादन का सही मूल्य मिलकर उसका वहीं के वहीं प्रयोग हो जाए और वह प्रोसेस होकर देश-दुनिया में जाए तो यह एक आदर्श स्थिति है।  

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