भागीरथ तिवारी करेली
शिक्षा में उम्र बाधा नही-डॉ गजानन मिश्र।
शिक्षा निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है इसमें उम्र मायने नही रखती इसी संदर्भ में महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय करेली में पदस्थ डॉ गजानन मिश्र (प्रोफेसर समाजशास्त्र) को 29 जनवरी 2024 में रानीदुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में डि,लिट् की शोध मौखिकी सम्पन्न हुई जिसे विश्वविद्यालय के नोटिफिकेशन क्रमांक conf/TEC/2024/06दिनांक 04/04/2024 द्वारा डि,लिट् की उपाधि की पात्रता पर अंतिम मोहर लगा दी गई,आपके शोध का विषय था “महिला अपराधिता एक सामाजिक प्रघटना” एक्सपर्ट के तौर पर पूरनमल यादव मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर, एवं लखनऊ विश्वविद्यालय से डॉ प्रमोद गुप्ता, रानीदुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ वर्मा जी, डॉ एन के पेंडसे, डॉ संजय तिवारी लखनऊ, डॉ ध्रुव कुमार दीक्षित जबलपुर, एवं अन्य प्रोफेसर उपस्थित रहे। इस शोध विषय का महत्वपूर्ण पहलू यह था कि इसमें जबलपुर सम्भाग के 8 जिलों की द्वितीयक स्रोतों से 12408 अपराधिताओ को लिया,जिसमे प्रत्येक जिलों का 8 प्रतिशत से लेकर प्राथमिक तथ्यों के आधार पर जेल से विमुक्त 992 अपराधिताओ से विभिन्न अपराधों से सम्बंधित प्रश्नों को लेकर उनके पुनर्वास की स्थिति को स्पष्ट किया गया है, साथ ही शोध विषय मे वैयक्तिक अध्यन पद्धति से 10 खूंखार महिला अपराधिताओ का भी साक्षात्कार कर, अध्ययन में शामिल किया गया है, डॉ मिश्रा से यह प्रश्न पूछा कि – महिला अपराधियों को शोध में क्यो चुना, तो आपका प्रतिउत्तर था कि व्यक्ति, समाज,पुलिस एवं न्यायालय, का दृष्टिकोण महिलाओं के प्रति बड़ा ही नरम होता है वह कितने ही बड़े अपराधों में लिप्त क्यो न हो,इस रुख की वजह से साफ बच जाती है,यही मूल प्रश्न है जो शोध का विषय बना। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के इतिहास में डॉ मिश्रा समाजशास्त्र विषय मे दूसरी डि,लिट् उपाधि प्राप्त व्यक्ति है इस अवसर पर अवधेश प्रताप विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राजकुमार आचार्य,शहडोल विश्वविद्यालय कुलपति डॉ रामशंकरजी अटलविहारी विश्वविद्यालय भोपाल के कुलपति, डॉ खेमसिंह डेहरिया, राजा शंकर शाह छिंदवाड़ा कुलपति डॉ लीला भलावी,बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ आर के जोशी महाविद्यालय प्राचार्य डॉ यू एस परमार एवं समस्त महाविद्यालय स्टाफ एवं सभी शुभ चिंतको के द्वारा डि,लिट् की उपाधि पर हर्ष व्यक्त करते हुए बधाई शुभकामनाएं प्रेषित की।