शटल ट्रेन शीघ्र चालू नहीं किए जाने पर नागरिक करेंगे आंदोलन
इटारसी-सतना शटल ट्रेन के बंद होने के कारण स्थानीय गरीब यात्रियों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लंबे समय से इस ट्रेन की सेवा न होने के कारण, दैनिक यात्री अपनी रोजी-रोटी के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। क्षेत्र के नागरिकों का यह सवाल है कि आखिर कब तक उन्हें जनहित की ऐसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसना पड़ेगा? इस मुद्दे पर शासन का ध्यान भले ही न जा रहा हो, लेकिन नागरिकों की आवाज़ अब उठने लगी है।
रेलवे विभाग द्वारा गरीबों के लिए चलाई जा रही इस ट्रेन की सेवा के बंद होने से क्षेत्र के कई ग्रामीण परिवारों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। यह ट्रेन न केवल यात्रा का अच्छा साधन थी, बल्कि लाखों गरीबों के जीवन का एक महत्वपूर्ण सहारा भी थी। शटल ट्रेन के अभाव में लोग रोज़ी-रोटी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हो गए हैं।
इस विषय को लेकर क्षेत्रवासियों ने ज्ञापन सौंपा है और समाचार पत्रों में भी अपनी मांगों को प्रमुखता से प्रकाशित करवा रहे हैं, फिर भी रेलवे प्रशासन तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों की चुप्पी ने सभी को आश्चर्यचकित कर रखा है। ऐसा प्रतीत होता है कि रेलवे विभाग जानबूझकर इस ट्रेन को स्थायी रूप से बंद करना चाहता है।
नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि शटल ट्रेन को शीघ्र पुनः चालू नहीं किया गया, तो वे आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। क्षेत्रवासियों का कहना है कि ऐसा लगता है मानो स्वतंत्रता के 75 साल बाद भी उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है। प्रशासन की उदासीनता ने इस बात को और भी स्पष्ट कर दिया है कि जनहित की बात करते हुए भी असल में उनकी अनदेखी की जा रही है।
इसलिए, स्थानीय नागरिकों की अपील है कि रेलवे विभाग तथा शासन तेजी से आवश्यक कदम उठाए ताकि शटल ट्रेन की सेवा पुनः बहाल की जा सके और गरीब जनता को राहत मिल सके। इस मुद्दे पर कोई ठोस निर्णय नहीं लेने पर आंदोलन की जिम्मेदारी पूरी तरह से रेल प्रशासन की होगी?