जिला पंचायत की साधारण सभा बैठक सम्पन्न
जनप्रनिधियों ने फसलों में संतुलित उर्वरक के उपयोग की ली शपथ
नरसिंहपुर।जिला पंचायत की सामान्य सभा एवं साधारण सभा की बैठक जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती ज्योति नीलेश काकोड़िया की अध्यक्षता में जिला पंचायत के सभाकक्ष में सम्पन्न हुई।
बैठक में कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान अवगत कराया कि जिले में यूरिया, एसएसपी एवं एनपीके व पोटास पर्याप्त मात्रा में भण्डारित है डीएपी के विकल्प के रूप में यूरिया, एसएसपी एवं एनपीके के उपयोग करने की सलाह दी गई। इस दौरान बैठक में मौजूद जनप्रनिधियों ने फसलों में संतुलित उर्वरक उपयोग की शपथ ली।
बैठक में उप संचालक कृषि श्री उमेश कटहरे ने बताया कि डीएपी के बेहतर विकल्प के रूप में एनपीके उर्वरक है। उन्होंने जिले के किसानों को डीएपी के विकल्प के रूप में मिश्रित उर्वरकों का उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मिश्रित उर्वरकों से गेहूं फसल के उत्पादन में वृद्धि होगी। रबी की मुख्य फसल गेहूं में मुख्यतः नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश पौधों के लिए मुख्य पोषक तत्व हैं, जो कि गेहूं फसल की वृद्धि एवं अधिक उत्पादन के लिए आवश्यक है। गेहूं फसल में सिंचित दशा नाइट्रोजन 120 किग्रा प्रति हेक्टेयर, फास्फोरस 60 किग्रा एवं पोटाश 40 किग्रा प्रति हेक्टेयर के मान से आवश्यकता होती है, जिसकी पूर्ति कृषकगण डीएपी उर्वरकों के अलावा कई विकल्पों के माध्यम से कर सकते हैं।
यूरिया 46 प्रतिशत, सिंगल सुपर फास्फेट 16 प्रतिशत, एमओपी 60 प्रतिशत, नाइट्रोजन की पूर्ति के लिए 200 किग्रा यूरिया, फास्फोरस के लिए सिंगल सुपर फास्फेट की 375 किग्रा तथा 65 किग्रा म्यूरेट आफ पोटाश की मात्रा डाल सकते हैं। यूरिया 46 प्रतिशत, 12:32:16 के साथ एमओपी 60 प्रतिशत इस विकल्प में यूरिया की 241 किग्रा मात्रा, एनपीके 12:32:16 की 130 किग्रा तथा पोटाश की पूर्ति के लिए एमओपी 17 किग्रा की आवश्यकता होगी। उन्होंने बताया कि यूरिया 46 प्रतिशत, 20:20:0, एमओपी 60 प्रतिशत तथा विकल्प में यूरिया की 131 किलोग्राम मात्रा तथा 20:20:0 की 300 किग्राम मात्रा तथा पोटाश के लिए एमओपी 66 किग्रा मात्रा प्रति हेक्टेयर दर से डाला जा सकता है। इस प्रकार कृषक डीएपी के अलावा विकल्प के रूप में सिंगल सुपर फास्फेट, 12:32:16, 20:20:0 जैसे मिश्रित उर्वरकों का उपयोग कर गेहूं की फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
इसके साथ ही किसानों से खरीफ फसलों की कटाई उपरांत नरवाई नहीं जलाने की अपील की गई। कृषक नरवाई में आग न लगाकर उन्नत कृषि यन्त्रों सुपरसीडर/ हैप्पीअसीडर (बिना जुताई के) का प्रयोग करके अपने खेतो में नरवाई प्रबंधन कर सकते हैं।
बैठक में जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती अनीता पटेल, सीईओ जिला पंचायत श्री दलीप कुमार, श्री सीताराम नामदेव, डॉ. योगेश कौरव, श्री अरविंद पटेल, श्रीमती रिचा स्थापक, श्री धनंजय पटैल, श्रीमती लक्ष्मी वीरेन्द्र पटेल एवं सभी जिला पंचायत सदस्यगण, सहायक संचालक कृषि (गन्ना) श्री अभिषेक दुबे व कृषि विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।