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January 22, 2025
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गाडरवारा,रेतीला मन काव्य कृति का विमोचन सम्पन्न

रेतीला मन काव्य कृति का विमोचन सम्पन्न

गाडरवारा । विगत दिनों साहित्यक संस्था चेतना के तत्वाधान में स्थानीय श्री वृन्दावन गार्डन में श्रीमती समज्ञा स्थापक की काव्य कृति रेतीला मन का विमोचन वरिष्ठ साहित्यकार कुशलेन्द्र श्रीवास्तव की अध्यक्षता में पूर्व विधायक श्रीमती साधना स्थापक के मुख्य आतिथ्य महंत बालकदास जी मिनेन्द्र डागा जी के सारस्वत आतिथ्य आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ । सरस्वती वंदना अखिलेश साहू‌ ने प्रस्तुत की। मंचासीन अतिथियों का स्वागत माल्यार्पण, शाल श्रीफल से किया गया। करतल ध्वनि के बीच श्रीमती समज्ञा स्थापक की प्रथम कृति “रेतीला मन” का विमोचन मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया। चेतना द्वारा कृतिकार का सम्मान शाल श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर किया गया। इस अवसर पर कृति की रचनाकार समज्ञा स्थापक ने अपने सृजन के बारे में बताते हुए कहा कि उनकी रचनाए सामाजिक कुरितियों के खिलाफ होती है, कविताओं में नारियों की वेदना को भी चित्रित करने का प्रयास किया गया है। इसके पूर्व चेतना के सरंक्षक मिनेन्द्र डागा ने अपने स्वागत भाषण में चेतना द्वारा नवोदित रचनाकारों को प्रोत्साहित करने के अपने संकल्प बारे में बताते हुए कहा कि हमारे क्षेत्र में बहुत सारे ऐसे रचनाकार हैं जिन्हें उत्साहित किया जाना आवश्यक है और चेतना परिवार इस कार्य में लगा हुआ है। महंत बालकदास जी ने अपने आर्शीवचन देते हुए कहा कि हमारा क्षेत्र धार्मिक क्षेत्र है यहां को साहित्यकार भी इससे प्रभावित होते हैं यही कारण है कि यहां के साहित्य में धार्मिक पुट रहता है। पूर्व विधायक श्रीमती साधना स्थापक ने कहा कि इस क्षेत्र में साहित्यक गतिविधियां निरंतर होती रहती हैं जिसके कारण नवोदित साहित्यक प्रतिभाएं उभर कर आती हैं। उन्होने रामधारी सिंह दिनकर की रचना का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रकृति हमें प्रसन्नता देती है और हमारे विषाद को हर लेती है। उन्होने नवोदित रचनाकारों को मंच देने के चेतना का यह प्रयास बहुत ही सराहनीय है। कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार कुशलेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि साहित्य को भी सरंक्षित किया जाना आवश्यक महसूस होने लगा है। हमारे क्षेत्र में साहित्य की स्वर्णिम परंपरा रही है और अनेक ख्यातिलब्ध साहित्यकारों ने हमारे क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है इसे निरंतर जारी रखना आवश्यक है। नवोदित साहित्यकार हमारे भविष्य की वो पीढ़ी हैं जिन पर साहित्य की परंपरा को बनाए रखने की जिम्मेदारी है। कार्यकम में चेतना मंच द्वारा वीरांगना अकेडमी के बच्चों को उनकी उपलब्धि पर सम्मानित किया गया साथ ही सर्वब्राम्हण महिला महासभा की मातृशक्तियों का भी सम्मान शाल श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर गिया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन विजय बेशर्म ने किया और आभार प्रदर्शन डॉ मंजूला शर्मा ने किया। कार्यक्रम में जिले के एवं अन्य शहरों के साहित्यकार भी सम्मलित हुए ।

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