पहुंचविहीन दुर्गम पहाड़ी वनग्रामो में घोड़ो से पहुंचाई दीपावली की सामग्री
असहाय ,निराश्रितों, गरीबो की दुआये स्वर्ण चांदी से बढ़कर – मुकेश बसेड़िया
गाडरवारा। समाज सेवा में सदा अग्रणी रहने वाले नगर के वरिष्ठ समाजसेवी मुकेश बसेडिया ने गतवर्षो की भांति इस वर्ष भी दुर्गम वनाँचल ग्रामों मे आदिवासियों को सामग्री वितरण कर उन्हें दीपावली की खुशियां दी हे। उन्होंने धनतेरस के एक दिन पूर्व से ही क्षेत्र के अति दुर्गम सुदूर वनांचल के तलैया, बड़ागांव, पटकना, भातोर,हींगपानी,हरसुआ , पिपरिया टोला, आफ़तगंज, कुकलोर,पीपला,बेरबन,
टूइयापानी सहित 12 ग्रामो के आदिवासियो को दीपावली उत्सव मनाने हेतु दीपक तेल ,बाती ,प्रसादी ,माँ लक्ष्मी के छायाचित्र प्रदान किये। उन्होंने वृद्धजनों, युवाओं एवं महिलाओ को नवीन वस्त्र व गर्म कपड़े, मच्छरदानी, पीत वस्त्र, साड़ियां, कुर्ता धोती कंबल भेंट किये। इसके अलावा बच्चों को वस्त्र, पठन लेखन शिक्षण सामग्री सहित, पटाखे, खिलौने,टॉफी, श्रंगार आदि भेंटकर उनके चेहरों पर खुशियां लाकर अनूठी मिसाल कायम की। विदित हो कि इस कार्य के लिए उन्होंने सतत तीन दिन घोड़ो को किराये पर लेकर दूरस्थ अतिशय दुर्गम एवं खड़ी चार घण्टे की चढ़ाई पारकर दीप उत्सव के लिये सामग्री पहुंचाई। यहाँ
उल्लेखनीय है कि मुकेश बसेडिया विगत अनेक वर्षों से स्वयं के खर्चे पर दुर्गम पहाड़ो पर बसे ग्रामो में सतत सर्दी काल मे ठंड से ठिठुरते हुए लोगो को कंबल, मच्छरदानी, राशन, वस्त्र आदि वितरण करते आ रहे हैं तथा वनांचल ग्रामों में लगभग पंद्रह वर्षों से दीपावली के साथ साथ सभी बड़े त्योहार आदिवासियों के साथ मनाते है। उपरोक्त सेवा कार्य में पुनीत त्यागी ,प्रिंस बसेड़िया, कडोरी भारिया, राम चरण भारिया , महेश भारिया,बटरू भारिया, राकेश भारिया आदि का योगदान विशेष योगदान रहा।