रिपोर्टर आशीष साहू
गाडरवारा टीआई बिना सर्च वारंट घर में घुसे ओर करदी झूमाझटकी, महिला घायल, एसपी से टीआई व हवलदार की शिकायत, पीड़िता का कराया मुलायजा
नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा थाना प्रभारी व एक आरक्षक द्वारा बिना सर्च वारंट के एक ग्रामीण के घर में घुसकर परिवार के सदस्यों से झूमाझटकी करने और एक महिला को घायल करने का गंभीर मामला सामने आया है। गुरुवार दोपहर हुई इस घटना का वीडियो पीड़ित परिवार ने मोबाइल से रिकॉर्ड किया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। घटना के बाद पीड़ित परिवार ने थाना प्रभारी उमेश तिवारी और हवलदार के खिलाफ एसपी मृगाखी डेका को लिखित शिकायत सौंपी। इस दौरान मारपीट में घायल महिला अनीता का मेडिकल परीक्षण भी कराया गया।
क्या है मामला?
कौडिया गांव निवासी अनीता पति हेमराज राजपूत ने बताया कि गुरुवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे गाडरवारा थाना प्रभारी उमेश तिवारी और एक आरक्षक उनके घर पहुंचे और उनके पति हेमराज से ट्रैक्टर चालक दीपक गौंड के बारे में पूछताछ करने लगे। दीपक पर कुछ लोगों ने हमला किया था, जिसकी शिकायत थाने में दर्ज कराई गई थी। लेकिन जब दीपक से जरूरी दस्तावेज मांगे गए, तो वह अनुपलब्ध थे।
अनीता का आरोप है कि थाना प्रभारी बिना सर्च वारंट के उनके घर में घुसे और जबरदस्ती उनके पति को थाने ले जाने लगे। विरोध करने पर झूमाझटकी में अनीता को धक्का देकर सीढ़ियों से गिरा दिया, जिससे उनके पैर में चोट आई। इस दौरान परिवार की अन्य महिलाएं और सास पुष्पाबाई भी पुलिस से गुहार लगाते रहीं, लेकिन पुलिसकर्मी उनके साथ दुर्व्यवहार करते रहे।
वीडियो वायरल, नियमों की अनदेखी
घटना का वीडियो पीड़ित पक्ष ने सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसमें साफ दिख रहा है कि थाना प्रभारी बिना किसी महिला पुलिसकर्मी के घर में घुसकर कार्रवाई कर रहे हैं। भारतीय न्याय संहिता के अनुसार किसी भी घर की तलाशी के दौरान महिला पुलिसकर्मी का मौजूद होना अनिवार्य होता है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया। साथ ही, तलाशी की कोई वीडियोग्राफी भी नहीं कराई गई, जो कि नियमों का सीधा उल्लंघन है।
एसपी से शिकायत और जांच का आदेश
पीड़ित पक्ष ने इस घटना की शिकायत वीडियो फुटेज के साथ एसपी से की। डीएसपी मनोज गुप्ता ने बताया कि मामले की शिकायत मिलने के बाद पीड़िता का मुलायजा कराया गया और जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि, अब तक पीड़ित परिवार के बयान दर्ज नहीं किए जा सके हैं और मामले की जांच किसे सौंपी जाएगी, इस पर कोई निर्देश जारी नहीं हुए हैं।
कानून व्यवस्था पर सवाल
इस घटना के बाद इलाके में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस द्वारा भारतीय न्याय संहिता के नियमों का पालन न करने से कानून व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।