विभिन्न शक्तिपीठों में कन्या पूजन कर दिया बेटी शिक्षा व सम्मान का संदेश
जीवंत देवी प्रतिमा का स्वरूप है बेटियां – मुकेश बसेड़िया
नवरात्रि में माँ दुर्गा की आराधना अनेक प्रकार से की जाती है, चारों तरफ मैया के पंडालों में सुंदर देवी प्रतिमा, ज़स ,महाआरती,गरबा कर मॉ की सेवा की जाती है
वही गाडरवारा नगर के वरिष्ठ समाजसेवी मुकेश बसेड़िया ने नवरात्रि में विभिन्न शक्तिपीठो ,देवी पंडालों, नर्मदा तटो, व गांव में नवरात्रि लगभग 2100 बेटियों से अधिक के पद पखारकर उन्हें वस्त्र, श्रृंगार, पठन लेखन, शिक्षण सामग्री, स्कूल बैग, बॉटल, आदि प्रदान कर उन्हें स्कूल जाने के लिए प्रेरित किया तथा शक्ति पीठो व पंडालों से युवाओं व भक्तजनो से केवल नवरात्रि ही नही अपितु सदैव ही बेटियों की सुरक्षा , सम्मान व आदर भाव रखने की अपील की तथा बगुलामुखी शक्ति पीठ नलखेड़ा से जहां पर शासन के अनेक मंत्री गण भी पहुंचते है , प्रशासन से भी अपील कि बेटियों से दुष्कर्म करने वाले लोगो को फांसी की सजा का प्रावधान हो मुकेश बसेड़िया ने बेटियों के सम्मान व शिक्षा की पावन यात्रा नवरात्रि के एक दिन पूर्व माँ रेवा के ककराघाट से संकल्प लेकर नवरात्रि काल मे विभिन्न शक्तिपीठ व सिद्धपीठ माँ विजयासन धाम सलकनपुर , तुलजा भवानी ,चामुंडा धाम देवास , हरिसिद्धि माता उज्जैन, भगवान महाकाल प्रांगण उज्जैन पाण्डवयुगीन बगुलामुखी शक्तिपीठ नलखेड़ा मालवा,गढ़कालिका धाम उज्जैन, बैजनाथ धाम आगर, सिद्ध पीठ पुरैना रंधीर ,आदि देवी स्थानों के साथ साथ ट्रेन,बस आदि के सफर में भी मिलने वाली बेटियों के पद पखारकर उन्हें विभिन्न उपहार भेंट किये तथा बेटियाँ ही जीवन्त देवी स्वरूप है इसका पावन सन्देश भी दिया साथ ही सिद्धपीठ मॉ विजयासन धाम पुरैना रंधीर में अपने ग्राम व आसपास की बेटियों के पद पखारकर विभिन्न उपहारों के साथ उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली बेटियों को भी विशेष उपहार भेंट कर सम्मानित किया।सिद्धपीठ पुरैना रणधीर में महाअष्टमी महोत्सव व चैत्र महोत्सव विगत 23वर्षों से पूज्य गुरुदेव पँ भगवत प्रसाद शास्त्री के पावन सानिध्य में स्वजनों के साथ अनवरत चल रहा है जहाँ पर कन्या पूजन के साथ महानिशा पूजन, अर्चन,भंडारा ,तथा दिव्य हवन कर जन कल्याण व सर्वे भवन्तु सुखिनः की कामना की जाती है
उपरोक्त आयोजन में सुरेश बसेड़िया , अखिलेश बसेड़िया, प्रिंन्स बसेडिया, अटल बसेड़िया , तनुश्री बसेड़िया, सौम्या बसेड़िया आदि के साथ माँ विजयासन इंस्टिट्यूट की बेटियों का विशेष योगदान रहा ।