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May 16, 2025
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गाडरवारा सांईखेड़ा में नर्मदा मैया के श्रृंगार के लिए धूनी मैं लाखों के चढ़ाऐ स्वर्ण आभूषण-लोग अचंभित

रिपोर्टर कमलेश अवधिया 

नर्मदा मैया के श्रृंगार के लिए धूनी मैं लाखों के चढ़ाऐ स्वर्ण आभूषण-लोग अचंभित

साईखेड़ा में चल रहे शिवानंद जी महाराज के सानिध्य में धार्मिक कार्यक्रम के अंतर्गत जलती हुई धूनी में सोने का हार , मंगल सूत्र, कंगना, बेंदी, चूड़ी और वाली समर्पित की 

नगर परिषद साईखेडा मैं कचहरी के सामने आंनद भवन मै आयोजित 21 दिवसीय चैत्र नवरात्रि महोत्सव में प्रतिदिन दिन-रात हजारों की तादाद में महिला पूरूषो श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ रही है।विगत दिवस 22 मार्च को स्वामी शिवानंद जी महाराज ने नर्मदा मैया के श्रृंगार के लिए जलती धूनी मैं सोने का हार ,मंगल सूत्र, कंगना बेंदी ,नथनी ,और बाली भेंट की वजनी सोने के जेवरो की कीमत लगभग सात लाख बताई जा रही आने वाले दिनों मैं और लाखों के स्वर्ण आभूषण धूनी मै चढ़ाऐ जायेंगे।यह देख कर लोग अचंभित हो गये ।इस मौके पर मप्र शासन के विधायक केबिनेट मंत्री राव उदयप्रताप सिंह और कार्यकता मौजूद थे 19 मार्च से,27 मार्च तक आयोजित शिव पुराण मैं पंडित केशव गिरी महाराज द्वारा भागवान भोले नाथ, नर्मदा और दादाजी धूनी वाले की लीलाओं की कथा सुनाकर श्रद्धालुओं का मन मोह रहे है। कथा के बीच संवाद पर डोल मंजीरों की थाप पर महिला पुरूष झूम उठते हैं। कथा के पांचवें दिन महाराज ने नगर वासियों और जनप्रतिनिधियों से नरहियानंद तालाब के जीणोद्धार की बात कही उन्होंने कहा कि साई खेड़ा क्षेत्र संतों की भूमि रही है उन्हीं में से एक संत थे नरहरियानंद महाराज जिन्होंने ने शहर के बीच एक कोठी कोंदो मैं तालाब खुदवाया था जो जनप्रतिनिधिओ की उपेक्षा के कारण आंसू बहा रहा है। उन्होंने नर्मदा मैया को पापनाशिनी बताया जिसमें गंगा मैया ने अपने भक्तों के पापाको भी धोया था आज कलयुग मै लोग सवे भवन्तु सुखिन सर्वे संतु निरामया की कामना से नर्मदा परिक्रमा करते हैं। प्रतिदिन रात्रि में नर्मदा मैया और दादाजी धूनी वालो की पूजन आरती ढोल नगाड़े मंजीरों की धुन पर की जाती है हजारों की तादाद में श्रद्धालु झूम उठते हैं। शिवानंद महाराज द्वारा लाखों रुपए की हवन सामग्री मैं किलो से काजू ,किशमिश, बादाम,फल, फूल,नारयिल, शक्कर , अखरोट, लौंग,इलायची कई लीटर घी धूनी,और स्वर्ण आभूषण धूनी मैं छोड़ जाते हैं और परिसर भज लो दादा जी नाम भजो हरिहर जी नाम से गूंज उठता है। भंडारे में सभी वर्ग के लोग समरसता का परिचय देते हुए बिना भेदभाव के एक पंक्ति मै बैठकर प्रसादी ग्रहण करते हैं। विशाल आयोजन की नगर वासियों और क्षेत्र वासियों द्वारा सराहना की जा रही है।

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