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December 7, 2024
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सामाजिक

होली की बधाई चढ़ा प्रेम का रंग सभी पर (होली गीत)

होली की बधाई

चढ़ा प्रेम का रंग सभी पर

(होली गीत) पं. सुशील शर्मा

 

चढ़ा प्रेम का रंग सभी पर

होली आई रे भैया

 

मन मिश्री तन रंग लगाए

नाचें साथी छम -छम-छम

यौवन का उल्लास समेटे

बजे मृदंगा डम -डम-डम

प्रेम, मौज-मस्ती में डूबे

रंग मलें सब अंगों में।

मस्ती में झूमें सब टोली

सरोबार हो रंगों में।

भर -भर रंग गुलाल उड़ाते

कान्हा माधव रे दैया।

 

मुँह पर सारे रंग लगाएँ

जोकर जैसे लगते हैं।

इस दिन सारे साथी अपने

दुश्मन जैसे दिखते हैं।

ढूँढ़ -ढूँढ़ कर रँगते साथी

घूम रहे सब इठलाते।

रंग बिरंगा मुँह कर देते

गुझिया पापड़ फिर खाते।

आज नहीं बच सकता कोई

चाहे काकी या मैया।

 

कृष्ण लली के प्रेम रीत का

यह प्रीतम उपहार है।

रंग बिरंगे प्रिय रंगों का

यह अनुपम त्यौहार है।

यौवन जीवन की लय होली

त्यागो नफरत की हाला।

घृणा द्वेष सब भूलो भाई

सुनो गीत होली वाला।

भूल दुश्मनी गले लगाते

गाते सब हैया -हैया ।

 

आप को नेह और उल्लास के रंगों से सरोबोर पर्व होली की अनंत शुभकामनाएँ ईश्वर आपको सिद्धि-प्रसिद्धि के नवल पथ पर गतिमान रखे।

 

सुशील शर्मा

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